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आजमगढ़: तीसरी मंजिल का रहस्य, मौत से पहले प्रिंसिपल के कमरे के बाहर छात्रा, आखिर उस दिन क्या-क्या हुआ?

आजमगढ़ के एक गर्ल्स कॉलेज में छात्रा की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. प्रिंसिपल और क्लास टीचर की गिरफ्तारी के बाद जहां प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन लामबंद हो गया है, वहीं छात्रा की मौत को लेकर पैरेंट्स एसोसिएशन ने भी मोर्चा खोल दिया है. पैरेंट्स एसोसिएशन के साथ अन्य संगठनों ने मिलकर शहर में जुलूस निकाला. इस मामले का असर पूरे प्रदेश में देखने को मिल रहा है. बीते दिन प्रदेश भर में निजी स्कूल बंद रहे.

फिलहाल, ‘आजमगढ़ स्कूल कांड’ में पुलिस की जांच जारी है. कई नए तथ्य निकलकर सामने आए हैं, जो इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि प्रताड़ना से तंग आकर छात्रा ने स्कूल की तीसरी मंजिल से छलांग लगाई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी चोट लगने से मौत की बात सामने आई है. तो आइए जानते हैं आखिर छात्रा के मौत वाले दिन स्कूल में हुआ क्या था…?

उस दिन क्या-क्या हुआ था?
स्कूल की ओर से छात्रा के घरवालों को फोन किया जाता है. लेकिन उन्हें आने में कुछ देर लगती है. इसी बीच प्रिंसिपल ऑफिस के बाहर खड़ी छात्रा अचानक से सीढ़ियों के जरिए तीसरी मंजिल की ओर चल पड़ती है और पलक झपकते ही वहां से कूद जाती है. इस घटना से स्कूल में हड़कंप मच जाता है. आनन-फानन उसे अस्पताल ले जाया जाता है,लेकिन तब तक वो दम तोड़ चुकी होती है.

इधर जब छात्रा के माता-पिता स्कूल पहुंचते हैं और उन्हें अपनी बेटी की मौत की जानकारी मिलती हो तो उनके पैरों तले जमीन खिसक जाती है. वे फौरन पुलिस को फोन कर स्कूल बुलाते हैं. पुलिस और फोरेंसिक टीम घटनास्थल की छानबीन करती है. इस दौरान छात्रा के माता-पिता द्वारा स्कूल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए जाते हैं. बाद में उनकी शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर प्रिंसिपल सोनम मिश्रा और क्लास टीचर अभिषेक राय को गिरफ़्तार कर लिया जाता है. हालांकि, विवेचना के बाद दोनों पर धार302 का केस हटाकर हत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया गया.

आरोपों पर प्रिंसिपल और टीचर ने कही ये बात
पूछताछ में क्लास टीचर ने बताया कि शुक्रवार को को छात्रा के बैग से मोबाइल बरामद हुआ था. चूंकि, किसी भी स्टूडेंट का स्कूल में मोबाइल लाना प्रतिबंधित है ऐसे में छात्रा को फटकारा गया था. लेकिन उस दिन बात खत्म हो गई थी. दो दिन बाद (सोमवार) जब छात्रा स्कूल आई तो प्रिंसिपल ऑफिस में उसकी पेशी हुई और पैरेंट्स को बुलाने के लिए कहा गया. तब तक उसे ऑफिस के बाहर खड़ा रहने के लिए कहा गया. लेकिन इसी बीच वो तीसरी मंजिल पहुंच गई और वहां से छलांग लगा दी. ये पूरा घटनाक्रम 10 से 15 मिनट में हुआ.

इसको लेकर प्रिंसिपल ने कहा कि अगर हमें पता होता कि वो ऐसा करेगी तो उसपर नजर रखते. हमारे भी बच्चे हैं, सालों से स्कूल चला रहे हैं, हम भला क्यों गलत करेंगे.

स्कूल प्रशासन पर क्यों उठ रहे हैं सवाल?
इस घटना को लेकर आजमगढ़ के एसपी ने बताया कि केस की विवेचना के लिए एक टीम गठित की गई है. सबूतों को इकट्ठा करने के लिए स्कूल के CCTV कैमरे को जब्त कर लिए गए हैं. CCTV फुटेज में 31 जुलाई को 12:00 बजे के बाद छात्रा का प्रिंसिपल के कमरे में जाना, फिर बाहर आना और कमरे के बाहर काफी देर तक खड़े रहना सब दिख रहा है. लगभग 1:15 बजे के आसपास वो सीढ़ी के रास्ते तीसरी मंजिल पर गई, जहां से वो नीचे गिरी.

घटनास्थल के निरीक्षण के दौरान बेंजीन टेस्ट से यह साबित हुआ जिस जगह पर छात्रा गिरी थी वहां पर खून की मौजूदगी थी. लेकिन उस खून को साफ कर दिया गया. शायद स्कूल के लोगों द्वारा पानी से धुला गया हो. ये कृत्य सबूत मिटाने यानि अपराध की श्रेणी में आता है.

क्या छात्रा को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया
शुरुआती विवेचना में यही बात सामने आई है कि छात्रा के पास मोबाइल मिलने के बाद उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया था. घटना के बाद छात्रा को क्लास अटेंड कराने के बजाए प्रिंसिपल के ऑफिस में बुलाया गया. सजा के रूप में उसको ऑफिस के बाहर काफी देर तक खड़ा रखा गया. इस घटना से अपमानित महसूस कर रही छात्रा ने अपनी जान दे दी. हालांकि, अभी जांच चल रही. सबूतों के आधार पर अन्य लोगों पर शिकंजा कसा जा सकता है.

प्राइवेट स्कूल और पैरेंट्स एसोसिएशन ने खोला मोर्चा
दरअसल, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन का कहना है कि बिना जांच के प्रिंसिपल और टीचर की गिरफ़्तारी गलत है. उन्होंने दोनों की रिहाई की मांग करते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है. वहीं, पैरेंट्स एसोसिएशन ने प्रिंसिपल और टीचर पर कार्रवाई की डिमांड करते हुए पूरे स्कूल प्रशासन पर एक्शन लेने की बात कही है. इसके लिए आजमगढ़ शहर में विभिन्न संगठनों के लोगों ने जुलूस निकाला और डीएम को ज्ञापन सौंपा. पैरेंट्स एसोसिएशन ने लोगों 9 अगस्त को अपने बच्चों को स्कूल न भेजने की अपील की है.

 

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