गोरखपुर: गोरखपुर में मौजूद कई ऐसी विरासते आपको मिलेंगी जो देश की आजादी में अपने अहम योगदान दिये है. ऐसे में गोरखपुर के जेल का जब जिक्र होता है तो कहीं ना कहीं आजादी के वीर सपूतों की भी याद आती है. देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने गोरखपुर के जेल में ही अपने 17 दिन बिताए थे. उन दिनों अंग्रेजो के खिलाफ आजादी का बिगुल फूंका जा रहा था और गोरखपुर में भी जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे पंडित नेहरू, लेकिन अंग्रेजी हुकूमत ने उन्हें जेल में बंद कर दिया था.
गोरखपुर विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र के प्रोफेसर और हेड राजीव गांधी स्टडी सर्कल के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर प्रमोद शुक्ला बताते हैं कि, सन 1940 में 7 नवंबर से पंडित नेहरू सत्याग्रह प्रारंभ करने वाले थे और उसी के व्यापक जन जागरण के सिलसिले में दौरा कर रहे थे. लेकिन इसी दौरान गोरखपुर के लाल डिग्गी पार्क सहित तीन स्थानों पर वह लोगों को संबोधित करने वाले थे. तो तभी अंग्रेजी शासन द्वारा पंडित नेहरू की गिरफ्तारी की गई. फिर 17 दिन गोरखपुर के जेल में उन्हें बंद किया गया था.
गोरखपुर से भेजा गया था देहरादून जेल
देश की आजादी से 7 साल पहले यानी 1940 में पंडित नेहरू को गोरखपुर से गिरफ्तार किया गया था. अंग्रेजो के खिलाफ बगावत की बिगुल फूंकने के खातिर पंडित नेहरू गोरखपुर पहुंचे थे. 31 अक्टूबर 1940 को उन्हें गोरखपुर से गिरफ्तार किया गया और 16 नवंबर 1940 तक गोरखपुर के जेल में ही वह बंद रहे. 3 नवंबर को पंडित नेहरू का गोरखपुर जेल मैं ट्रायल किया गया और चार साल के श्रम कारावास उन्हें सजा दी गई. बाद में उन्हें गोरखपुर जेल से देहरादून जेल स्थानांतरित कर दिया गया था. देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम से आज भी गोरखपुर में नेहरू पार्क मौजूद है.