कहते हैं कुत्ता सबसे वफादार जानवर होता है, जो अपने मालिक को कभी धोखा नहीं देता. वो भले ही जानवर है, लेकिन वो अपनी भावनाएं और प्यार को बड़ी आत्मीयता के साथ दिखाता है, जिसके प्यार से कोई अछूता नहीं रह सकता है. घर में रहते हुए वो परिवार के सदस्य की तरह बन जाता है, और जब उसकी मौत हो जाए उसका दुख भी ऐसे ही होता है जैसे कोई अपना बिछड़ गया हो. यूपी के बागपत में भी ऐसा ही हुआ जहां एक कुत्ते की मौत पर घर के सदस्य की तरह उसके सारे विधि विधान किए गए.
बागपत के बिजरौल गांव में टॉमी उर्फ मुन्ना नाम के एक कुत्ते की मौत हो गई, जिसके बाद पूरे गांव ने मिलकर उसके अंतिम संस्कार से लेकर पूजा पाठ और तेरहवीं और मृत्यु भोज बिलकुल वैसे किया जैसे किसी इंसान के इस दुनिया से चले जाने के बाद किया जाता है. मुन्ना के जाने के बाद ग्रामीणों ने उसकी आत्मा की शांति के लिए पूजा पाठ कराया और तेरहवीं की. यही नहीं सभी ग्रामीणों को मृत्यु भोज भी दिया गया.
मुन्ना के जाने पर गमगीन हुए ग्रामीण
मुन्ना को इस गांव के सभी लोग बहुत प्यार करते थे, उसके लिए ये पूरा गांव ही उसका परिवार था. गांव की एक महिला ने बताया कि जब वो दो दिन का था, तभी उसकी मां की मौत हो गई थी, जिसके बाद उन्होंने उसे बड़े प्यार से पाल पोसकर बड़ा किया. धीरे-धीरे ये कुत्ता पूरे गांव का चहीता बन गया. लोगों को उससे बहुत ज्यादा प्यार हो गया. मुन्ना भी गांव के लोगों को अपना परिवार मानता था. एक महिला ने बताया कि वो भले ही जानवर था लेकिन इंसानों की तरह समझदार था.
12 साल की उम्र में मुन्ना की मौत हो गई, जिसके बाद ग्रामीणों ने उसे भी अंतिम विदाई भी इंसानों की तरह दी. मुन्ना के जाने से पूरे गांव में गम का माहौल है.