सुल्तानपुर मेडिकल कॉलेज का एक और कारनामा सुर्ख़ियों में है. आउटसोर्सिंग एजेंसी के चयन को लेकर प्राचार्य डॉ सलिल श्रीवास्तव कानूनी दाव – पेंच के लपेटे में है। आरोप है कि प्राचार्य डॉ सलिल ने सेटिंग – गेटिंग कर मनचाही एजेंसी का चयन कर लिया। फिलहाल अब मामला चिकित्सा शिक्षा निर्देशक तक पहुंचा है।
दरअसल स्वायत्तसायी मेडिकल कॉलेज सुल्तानपुर में 142 स्टाफ नर्स की आपूर्ति के लिए टेंडर निकला गया था. जिसमे दर्जनों आउटसोर्सिंग एजेंसियों ने हिस्सा लिया था. बावजूद इसके मनचाही एजेंसी का चयन कर लिया गया. चयन की गयी एजेंसी के पास न तो सुसंगत अनुभव है और न ही टर्नओवर।
प्रतिद्वंदी एजेंसियां पहुंची महानिदेशक तक
टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लेने वाली 5 एजेंसियों ने मामले के शिकायत महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा किंजल सिंह से की है. आरोप लगाया है कि प्राचार्य डॉ सलिल ने नियमों को दरकिनार करके लीड रिसोर्स सिक्योरिटी एंड मैन पॉवर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड नामक एजेंसी का चयन कर लिया इस कंपनी का रजिस्ट्रेशन 4 जुलाई 2022 का है. जबकि टेंडर के नियम और शर्तों में एजेंसी कातीन वर्ष पुराना होना आवश्यक है. हेल्थ केयर सेण्टर में 5 वर्ष का अनुभव भी जरूरी है मगर सुल्तानपुर में नयी नवेली चहेती एजेंसी का चयन किया गया है। मामले में जांच करवा कर सम्बंधित अधिकारियों कर्मचारियों के खलाफ कार्यवाही एवं टेंडर को निरस्त करने की मांग की गयी है.