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UP Budget 2024-2025 : चिकित्सा, कानून, सड़क और जल…बजट की 10 मुख्य बातें…

UP Budget 2024-2025 : चिकित्सा, कानून, सड़क और जल…बजट की 10 मुख्य बातें…

उत्तर प्रदेश विधानसभा में सोमवार को वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने वित्तिय बजट 2024-25 पेश कर दिया है। यूपी का बजट 7.36 लाख करोड़ का है। वित्तीय वर्ष 2024-2025 के बजट अनुमानों पर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि किसानों के लिए डार्क जोन में नये निजी नलकूप कनेक्शन देने पर लगे प्रतिबन्ध को हटा लिया गया है जिससे लगभग एक लाख किसानों को सीधा फायदा हुआ।

वित्तीय समावेशन

प्रदेश की जनता को वर्तमान में बैंकों की 19,705 शाखाओं, 2,28,544 बैंक मित्र एवं बी0सी0 सखी तथा 17,852 ए0टी0एम0 के माध्यम से बैकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

प्रधानमंत्री जनधन योजना के अन्तर्गत प्रदेश में 9 करोड़ खातों के साथ उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।

प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजनान्तर्गत अब तक प्रदेश में 5 करोड़ 54 लाख नामांकन के साथ उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है।

प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजनान्तर्गत अब तक प्रदेश में 1.90 करोड़ के नामांकन साथ उत्तर प्रदेश द्वितीय स्थान पर है।

अटल पेंशन योजनान्तर्गत अब तक प्रदेश में 1 करोड़ 18 लाख नामांकन का उत्कृष्ट प्रदर्शन रहा है।

औद्योगिक विकास

विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में उत्तर प्रदेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है। राज्य में विकसित हो रही वायु, जल, सड़क एवं रेल नेटवर्क की कनेक्टिविटी से राज्य के उद्योगों में मैन्युफैक्चरिंग इकाईयों को अपने माल के परिवहन में सुविधा उपलब्ध होगी जिससे प्रदेश से निर्यात बढ़ेगा।

महर्षि वाल्मीकि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लोकार्पण से प्रदेश में चार अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे संचालित हैं तथा शीघ्र ही नोएडा के जेवर में दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा प्रारम्भ होने वाला है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश पाँच अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला भारत का एकमात्र राज्य बन जाएगा।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैकिंग एवं विभिन्न राज्यों में लाॅजिस्टिक्स की सुलभता (लीड्स-2023) रैंकिंग में उत्तर प्रदेश ने ‘‘अचीवर्स’’ की श्रेणी प्राप्त की है।

चिकित्सा क्षेत्र

राज्य सरकार के प्रयासों से मातृ मुत्यु दर वर्ष 2014 में 285 प्रति लाख से कम होकर वर्ष 2022 में 167 प्रति लाख तथा शिशु मृत्यु दर वर्ष 2014 में 48 प्रति हजार से कम होकर वर्ष, 2020 में 38 प्रति हजार हो गयी है।

वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2023 में ए0ई0एस0 (एक्यूट इन्सिफेलाइटिस सिन्ड्रोम) रोगियों की संख्या में 76 प्रतिशत तथा मृत्यु दर में 98 प्रतिशत की कमी एवं जे0ई0 (जापानी इन्सिफेलाइटिस) के रोगियों की संख्या में 85 प्रतिशत तथा मृत्यु में 96 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी है।

प्रदेश के सभी 75 जनपदों में निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

सरकारी क्षेत्र के चिकित्सा संस्थानों में एम0बी0बी0एस0 की सीटों की संख्या 1840 से बढ़कर कर 3828 हो गयी है तथा निजी क्षेत्र के संस्थानों में सीटों की संख्या 2550 से बढ़कर 5250 हो गयी है। इस प्रकार कुल 9078 सीटें उपलब्ध हो गयी हैं।

सरकारी क्षेत्र के चिकित्सा संस्थानों में पी0जी0 सीटों की संख्या 741 से बढ़कर 1543 तथा निजी क्षेत्र के संस्थानों में सीटों की संख्या 480 से बढ़कर 1775 हो गयी है। इस प्रकार पी0जी0 की कुल 3318 सीटें उपलब्ध हो गयी है।

आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत 4 करोड़ 86 लाख से अधिक आयुष्मान कार्ड वितरित किये गये है। लाभार्थी परिवारों को प्रति वर्ष 5 लाख रूपये तक की निःशुल्क चिकित्सा सुविधा सूचीबद्ध राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों के माध्यम से प्रदान की जा रही है।

वर्ष 2007 से 2017 तक की 10 वर्ष की अवधि में मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से 60,970 व्यक्तियों को चिकित्सा सहायता के रूप में 638 करोड़ 26 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अब तक के कार्यकाल में वर्ष 2017 से अद्यावधिक अर्थात 07 वर्ष से भी कम अवधि में 1,61,962 व्यक्तियों को चिकित्सा सहायता हेतु 2,765 करोड़ रूपये स्वीकृत किये जा चुके हैं जो अपने आप में एक कीर्तिमान है।

मुख्यमंत्री श्योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जिस प्रकार प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार हुआ है और बड़ी संख्या में आयुष्मान कार्डों का वितरण किया गया है, वह अन्य राज्यों के लिये अनुकरणीय मिसाल के रूप में हमारे समक्ष है।

कानून व्यवस्था

सरकार प्रदेशवासियों को अपराध एवं भयमुक्त वातावरण देकर रामराज्य की संकल्पना को साकार करने में पूरी तरह सफल रही है।

विविध त्यौहारों एवं यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट- 2023, आजादी का अमृत महोत्सव, जी-20 सम्मेलन, क्रिकेट विश्व कप-2023 जैसे वृहद आयोजनों को शान्तिपूर्ण एवं सुरक्षित ढंग से सम्पन्न कराया गया।

अयोध्या में भगवान श्रीरामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में किये गये प्रबन्धों की सराहना देश-दुनिया से आये अतिथियों ने की ।

वर्ष 2016 के मुकाबले वर्ष 2023 में डकैती के मामलों में 87 प्रतिशत, लूट में 76 प्रतिशत, हत्या में 43 प्रतिशत, बलवा में 65 प्रतिशत, फिरौती हेतु अपहरण में 73 प्रतिशत की कमी हुई है।

ऑपरेशन त्रिनेत्र के अन्तर्गत 8,54,634 सीसीटीवी कैमरों का अधिष्ठापन किया जा चुका है।

अप्रैल, 2017 से जनवरी, 2024 तक पुलिस विभाग में विभिन्न पदों पर 1,55,830 भर्तियाँ तथा 1,41,866 पदोन्नतियाँ की गयी हैं।

महिलाओं तथा वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा हेतु सेफ सिटी परियोजना में महत्वपूर्ण स्थलों पर सी0सी0टी0वी0 कैमरों की स्थापना, इण्टीगे्रशन, डार्क स्पाॅट्स का चिन्हीकरण एवं लाइट्स लगाना, हाॅट प्वाइण्ट्स को चिन्हित करने, पिंक बूथों की स्थापना तथा बस/टैक्सियों में पैनिक बटन की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।

03 महिला पीएसी बटालियन जनपद लखनऊ, गोरखपुर एवं बदायूं में स्थापित हैं। जनपद बलरामपुर, जालौन, मिर्जापुर, शामली तथा बिजनौर में 05 अन्य पी0ए0सी0 बटालियन स्थापित किये जाने की कार्यवाही की जा रही है।

उत्तर प्रदेश स्पेशल सेक्योरिटी फोर्स की 06 वाहिनियाँ गठित की गयी हैं।

महिलाओं की सुरक्षा एवं उनके सशक्तीकरण हेतु 1,699 एण्टी रोमियों स्क्वाॅयड का गठन कर अनवरत अभियान चलाया जा रहा है।

समस्त थानों में साइबर क्राइम सेल गठित किया गया है। वर्तमान में सभी 75 जनपदों में साइबर क्राइम थाना संचालित है।

होमगार्ड स्वयंसेवकों की मृत्यु की दशा में उनके आश्रितों को 05 लाख रूपये की अनुग्रह राशि दी जाती है। दुर्घटना बीमा योजनान्तर्गत, होमगार्ड्स को 30 लाख रूपये की बीमा सुविधा प्रदान की गयी है।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य

राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत विभिन्न कार्यक्रमों के संचालन हेतु वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 7350 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन योजना के अन्तर्गत प्रदेश में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में हेल्थ वेलनेस सेन्टर केयर यूनिट, इन्टीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब की स्थापना आदि कार्यों हेतु 952 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान हेतु वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 300 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 322 करोड़ रुपए की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

पं0 दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के अन्तर्गत आबद्ध निजी चिकित्सालयों में कैशलेस उपचार की व्यवस्था की गयी है जिस पर कुल 150 करोड़ रूपये का व्यय भार अनुमानित है, जिसका पूर्ण वहन राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है।

चिकित्सा शिक्षा

प्रदेश में 65 मेडिकल कालेज हैं, जिनमें 35 राज्य सरकार एवं 30 निजी क्षेत्र द्वारा संचालित है।

वर्तमान में 45 जनपद मेडिकल काॅलेजों से आच्छादित किये जा चुके हैं व 14 जनपदों में केन्द्र सरकार द्वारा वित्त पोषित मेडिकल काॅलेज निमाणाधीन हैं। 16 असेवित जनपदों में निजी निवेश के माध्यम से मेडिकल काॅलेज स्थापित किया जाना प्रस्तावित है।

राजकीय क्षेत्र में बीएससी नर्सिग काॅलेजों की संख्या 06 से बढ़ाकर 23 की गयी।

जनपद वाराणसी में मेडिकल काॅलेज की स्थापना कराये जाने का निर्णय लिया गया है इसके लिये 400 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
असाध्य रोगों की मुफ्त चिकित्सा सुविधा हेतु 125 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

राजकीय मेडिकल काॅलेजों में ट्रॉमा सेन्टर लेवल-द्वितीय को ट्रामा सेन्टर लेवल-एक ( 100 बेडेड)/ एपेक्स ट्रामा सेन्टर (200 बेडेड) में उच्चीकृत किये जाने हेतु 300 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

आयुष

आयुष्मान भारत कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश में 1600 हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर स्थापित किया जाना लक्षित है तथा 1035 राजकीय आयुर्वेदिक होम्योपैथी एवं यूनानी चिकित्सालयों को हेल्थ वेलनेस सेन्टर्स में परिवर्तित किया जा रहा है।

प्रदेश के विभिन्न जनपदों में वर्तमान में 2110 आयुर्वेदिक, 254 यूनानी एवं 1585 होम्योपैथी चिकित्सालयों के साथ ही 08 आयुर्वेदिक, 02 यूनानी तथा 09 होम्योपैथी कालेज एवं उनसे सम्बद्ध चिकित्सालय क्रियाशील हैं।

वित्तीय वर्ष 2024-2025 में आयुष विभाग के अन्तर्गत प्रमुख रूप से महायोगी गुरू गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, गोरखपुर का निर्माण कार्य पूर्ण किये जाने, जनपद अयोध्या में राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं जनपद वाराणसी में राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कालेज की स्थापना किये जाने का लक्ष्य है।

राजकीय आयुष महाविद्यालयों एवं चिकित्सालयों में औषधियों की समुचित व्यवस्था तथा 50 बेडेड एकीकृत आयुष चिकित्सालय 11 जनपदों में स्थापित है तथा 6 जनपदों में भवन निर्माण पूर्ण हो चुका है।

अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास

बुन्देलखण्ड क्षेत्र में एक नये औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) का गठन किया जा रहा है जिसके अन्तर्गत नोएडा और ग्रेटर नोएडा के अनुरूप बुन्देलखण्ड क्षेत्र में औद्योगिक वाणिज्यिक और आवासीय टाउनशिप विकसित करने की योजना है।

सेमी कंडक्टर, डाटा सेन्टर, स्टार्टअप एवं आईटी सेक्टर्स से संबंधित विशेष योजना के साथ ही वर्ष 2022 मंे इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने के लिये नीति भी लागू की गई है।

प्रदेश में डिफेंस काॅरीडोर में बड़े पैमाने पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। डिफेंस काॅरीडोर के 6 नोड्स में से 3 नोड्स का आवंटन पूर्ण हो चुका है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में एफडीआई, फाॅच्र्यून ग्लोबल 500 और फाॅच्र्यून इंडिया 500 कम्पनियों के निवेश को आकर्षित करने के लिये फाॅरेन डाइरेक्ट इन्वेस्टमेन्ट एवं फाॅच्र्यून 500 कम्पनियांें के निवेश हेतु प्रोत्साहन नीति-2023 घोषित की है।

किसी भी राज्य द्वारा बड़े पैमाने पर वैश्विक निवेश को आकर्षित करने का यह अपनी तरह का पहला प्रयास है। नीति के क्रियान्वयन हेतु 250 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तिकरण योजना के अन्तर्गत टैबलेट/स्मार्ट फोन वितरण हेतु 4000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। वर्तमान वर्ष में 25 लाख से अधिक टैबलेट/स्मार्टफोन बाटे गये है यह प्रक्रिया गतिमान है।

गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना हेतु 2057 करोड़ 76 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में दो गुने से अधिक है।

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को जोड़ने हेतु नये लिंक एक्सप्रेस-वे निर्माण हेतु 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

अटल इण्डस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन हेतु 400 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष के सापेक्ष 33 प्रतिशत अधिक है।

अवस्थापना और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में आज उत्तर प्रदेश एक अग्रणी प्रदेश के रूप में उभरा है। अपराध पर लगाम लगी है, अपराधियों का प्रदेश से सफाया हो चुका है।

आज से 07 वर्ष पूर्व कोई यह कल्पना भी नहीं कर सकता था कि उत्तर प्रदेश इतनी तीव्र गति से ऐसा मुकाम हासिल कर पायेगा।

सड़क एवं सेतु

राज्य राजमार्गों के चैड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण कार्यों हेतु 2881 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

धर्मार्थ मार्गों के विकास हेतु 1750 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

राज्य सड़क निधि से सड़कों के अनुरक्षण हेतु 3000 करोड़ रूपये तथा निर्माण हेतु 2500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

औद्योगिक/लाॅजिस्टिक पार्क हेतु 04 लेन मार्गो के चैड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण/निर्माण कार्य हेतु 800 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

चीनी मिल परिक्षेत्र में कृषि विपणन सुविधाओं हेतु मार्गों का चौड़ीकरण एवं सदृढ़ीकरण/नवनिर्माण/पुर्ननिर्माण कार्यों हेतु 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

रेलवे उपरिगामी/अधोगामी सेतुओं के निर्माण हेतु 1350 करोड़ रूपये एवं ग्रामीण सेतुओं हेतु 1500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

शहरों एवं कस्बों में ट्रैफिक जाम की समस्या के समाधान के लिए शहरों मेें फ्लाईओवर आदि के निर्माण हेतु 1000 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है।

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग

हमारी सरकार द्वारा 31 सिंचाई परियोजनायें पूर्ण की गयी जिससे 22 लाख 75 हजार हेक्टेयर से अधिक सिंचन क्षमता सृजित हुई जिसका लाभ 46 लाख 69 हजार कृषकों को प्राप्त हुआ।

विभिन्न जनपदों में 6,600 राजकीय नलकूपों के आधुनिकीकरण तथा डार्क जोन में स्थित 569 असफल राजकीय नलकूपों के पुनर्निर्माण का कार्य प्रगति पर है।

इन कार्यों से लगभग 1.33 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता की पुनस्र्थापना होगी तथा लगभग 1.10 लाख कृषक परिवार लाभान्वित होंगे ।

नहरों एवं सरकारी नलकूपों से किसानों को मुफ्त पानी की सुविधा हेतु 1100 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है।

नदी में सुधार एवं कटाव निरोधक परियोजनाओं (नाबार्ड पोषित) के लिए 1530 करोड़ 60 लाख रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है।

डार्क जोन के असफल 569 नलकूपो के लिये 70 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है।

नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति

जल जीवन मिशन हेतु 22,000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जिसमेें 2000 करोड़ रूपये की धनराशि अनुरक्षण मद हेतु है।

मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना हेतु 1020 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

वर्षा जल संचयन एवं भू-जल संवर्द्धन योजना हेतु 80 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में लगभग 51 प्रतिशत अधिक है।

ग्राउण्ड वाॅटर रीचार्जिंग एवं चेकडैम निर्माण हेतु 65 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में लगभग 23 प्रतिशत अधिक है।

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