उत्तर प्रदेश के कानपुर से अलग तरह के फ्रॉड का खुलासा हुआ है। जी हां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, कानपुर में एक ऐसे फ्रॉड करने वाले गैंग का खुलासा हुआ है। जिसमें करीब 1200 लोग शामिल हैं। ये लोग फ्रॉड को अंजाम देने के लिए बैंक खातों को किराए पर लेते थे फिर इसके बाद असली खेल शुरू होता था। इस तरह के फ्रॉड का खुलासा पहली बार कानपुर में हुआ है।
पुलिस को एक सूचना मिली थी कि 17 नवंबर 2023 को हालसी रोड स्थित आईसीआईसीआई बैंक में एक करंट अकाउंट में एक करोड़ 20 लाख रुपए आए हैं। इन एक करोड़ 20 लाख रुपए में से एक करोड़ 11 लाख रुपए अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किए गए। इस सूचना पर थाना कोहना की पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने संयुक्त रूप से जांच शुरू की। दो अभियुक्तों जिनमें शुभम तिवारी और शिवम यादव को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई।
आरोपियों से पूछताछ के बाद जो खुलासा हुआ उसे सुनकर पुलिस के होश भी उड़ गए। पुलिस को पता चला कि आरोपी बैंक खाता धारकों से जालसाजी कर उनसे ओटीपी पिन पूछ कर फ्रॉड करते हैं। फ्रॉड की रकम करंट अकाउंट में डालते हैं। इसके बाद किराए पर लिए हुए बचत खातों में उस रकम को ट्रांसफर कर देते हैं। अब तक की जांच में पता चला है कि करीब 1200 लोगों के बचत खाते को किराए पर लेकर उनमें फ्रॉड की रकम भेजी जाती थी।
फ्रॉड करने वाले लोगों के बचत बैंक खाता को किराए पर लिया जाता था। जिनमें वह फ्रॉड की रकम ट्रांसफर करते थे। इसके बाद फ्रॉड करने वाले अकाउंट में पैसे भेजते थे, रकम का कुछ हिस्सा उन्हें भी दिया जाता था। पुलिस पूरे मामले में गंभीरता से जांच कर रही है, वहीं आरोपियों को बेंगलुरु की पुलिस लेकर रवाना हो गई। ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया की थाना कोहना में बेंगलुरु सिटी थाना विद्यारण्य से फोन आने पर जानकारी मिली, कि वहां रहने वाली एक महिला के साथ 4,24000 का फ्रॉड ओटीपी पूछ कर किया गया। बेंगलुरु की पुलिस कानपुर पहुंची और दोनों आरोपियों को आगे की पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई।