Utter Prdesh: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के सदर तहसील के गांव रेतवागाड़ा के रहने वाले 80 साल के बुजुर्ग श्यामलाल को राजस्व अभिलेखों में लेखपाल और राजस्व निरीक्षक ने खतौनी से उसे मृतक दिखाकर उसका नाम गायब कर दिया। जानकारी होने के बाद बुजुर्ग एक साल से तहसील के अधिकारियों का चक्कर लगाते लगाते थक गया किसी ने उसकी फरियाद नहीं सुनी। अधिकारियों के सामने वह चिल्लाता रहा “साहब मैं जिंदा हूं”। हिम्मत जुड़ाकर श्यामलाल सीधे जिलाधिकारी नेहा शर्मा के जनता दर्शन कार्यक्रम में कलेक्ट्रेट पहुंच गया। उसने जिलाधिकारी नेहा शर्मा को बताया कि वह जिंदा है लेकिन लेखपाल और कानून को ने उसे खतौनी में मृतक दिखा दिया है जिसको लेकर वह काफी परेशान है। एक वर्ष से तहसील का चक्कर लेकिन अधिकारियों ने उसकी बात को नहीं सुना। जिलाधिकारी ने भी उनकी शिकायत को बेहद गंभीरता से सुना। तत्काल संबंधित अधिकारियों को जांच कर कार्यवाही सुनिश्चित करने के संबंध में सख्त निर्देश दिए। इतना ही नहीं, खुद जिलाधिकारी ने कुछ ही घंटे में ही श्यामलाल की समस्या का समाधान भी सुनिश्चित किया।
श्यामलाल बोले- एक साल से चक्कर काट रहा हूं
श्यामलाल ने बताया कि संबंधित प्रकरण में जून 2022 में ही लेखपाल, कानूनगो तथा नायब तहसीलदार ने अपनी आख्या लगा दी। बावजूद, इस प्रकरण के संबंध में आदेश जारी नहीं किए जा रहे थे। जिस समस्या को लेकर वह साल भर से चक्कर काट रहे थे, डीएम साहिबा ने उसका समाधान 24 घंटे में कर दिया। श्यामलाल अब बेहद खुश हैं।
ट्राइसाइकिल पाकर खिला बुजुर्ग का चेहरा
जिलाधिकारी के जनता दर्शन में पहुंचने वाले फरियादी की शिकायत का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित किया जा रहा है। बीते दिनों जनता दर्शन में ग्राम माधवपुर राय के दिव्यांग बुजुर्ग राम सुमेरन ने ट्राइसाइकिल उपलब्ध न कराए जाने के संबंध में शिकायत की गई। जिलाधिकारी ने शिकायत को सुना और तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिए। जांच की गई। जांच में 45 % दिव्यांगता की पुष्टि होने पर तत्काल निस्तारण सुनिश्चित किया गया। सरकारी अफसरों ने अगले ही दिन बुजुर्ग को ट्राइसाइकिल उपलब्ध कराई।