Breaking News

क्या सच में खाली है बिहार का खजाना, तो जनता को क्यों है सपनों में फंसाना

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक बार फिर चुनावी सभा के दौरान नेताओं के बीच सियासी वार का दौर बढ़ता ही जा रहा है। तेजस्वी के 10 लाख लोगों को रोजगार देने के वादे पर सत्तापक्ष के जदूय और भाजपा का पलटवार भी शुरू हो गया है।बीते दिनों चुनावी सभा में मुख्यमंत्री नीतीश ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के 10 लाख नौकरी देने के वादे तंज कसते हुए कहा इसके लिए आखिर पैसा कहां से आएगा।

इस बात पर नीतीश पर पलटवार करते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि- नीतीश जी कहते हैं कि पैसा कहां से आएगा। एक तरफ कहते हैं कि बिहार सरकार के पास पैसा नहीं है, दूसरी तरफ कहते हैं कि वो नौकरी देंगे, बेरोज़गारी भत्ता देंगे। उनका स्पष्ट बयान सामने नहीं आ रहा है। अगर बिहार सरकार के पास पैसा नहीं है तो उन्होंने 15 साल क्या किया?

वहीं तेजस्वी ने आरोप लगाया कि बिहार सरकार ने बजट का केवल 60% ही खर्च किया है। लोग नीतीश जी से ये ही सवाल पूछ रहे हैं कि आपने कोरोना, बाढ़ में अपना चेहरा मोड़ लिया तो अब आप किस आधार पर वोट मांगने आ रहे हैं।

इसे भी पढ़ें : दुर्गा मैया का आशीर्वाद लेकर बंगाल में चुनावी जाल बिछाएंगे पीएम मोदी

आपको बता दें कि गोपालगंज के भोरे विधानसभा क्षेत्र में आयोजित जनसभा में मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा था कि कुछ लोग 10 लाख नौकरी देने का दावा कर रहे हैं। लेकिन यह नहीं बता रहे हैं कि इसके लिए आखिर पैसा कहां से आएगा। जिसके लिए जेल गएं, उसी पैसे को निकालकर नौकरी देंगे क्या? सीएम नीतीश गोपालगंज जिले के गांधी स्मारक उच्च विद्यालय भोरे में एनडीए प्रत्याशी सुनील कुमार और कुचायकोट के अमरेंद्र कुमार पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय के समर्थन में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे |