बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने डालीबाग की एक शत्रु संपत्ति पर निर्माण के मामले में विधायक मुख्तार अंसारी के बेटों की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी है। पीठ ने इसके साथ ही मुख्तार के दोनों बेटों को जांच में सहयोग करने का भी आदेश दिया है। पीठ ने इस मसले पर राज्य सरकार को भी चार हफ्ते में अपना प्रति शपथपत्र दाखिल करने का आदेश दिया है।
दरअसल जस्टिस डीके उपाध्याय एवं जस्टिस संगीता यादव की पीठ ने यह आदेश अब्बास अंसारी व उमर अंसारी की याचिका पर दिया है। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील जेएन माथुर, एचजीएस परिहार व अरुण सिन्हा ने बहस की। उनका कहना था कि याचिकाकर्ताओं के खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई अपराध नहीं बनता। कहा गया कि जिस समय अपराध घटित होने की बात कही जा रही है, उस समय तो इनका जन्म भी नहीं हुआ था। सिर्फ दुर्भावना के कारण एफआईआर दर्ज कराई गई है।
पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से इसका जोरदार विरोध किया गया। महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह का कहना था कि यह याचिका पोषणीय नहीं है। यह भी तर्क दिया गया कि वे अग्रिम जमानत का आवेदन कर सकते हैं। उन्हें याचिका दाखिल कर एफआईआर को चुनौती देने का अधिकार नहीं है।