यूपी में जौनपुर के जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) प्रवीण मणि त्रिपाठी की शुक्रवार की मौत हो गई। वह पिछले कई दिनों से कोरोना संक्रमण की चपेट में थे। इस बीच रिपोर्ट नेगेटिव आ गई थी। उनका उपचार वाराणसी के एपेक्स हॉस्पिटल में कराया जा रहा था। बताया जाता है कि कोरोना के कारण लंग्स पर गंभीर असर हुआ था।
दरअसल गोरखपुर के मूल निवासी प्रवीण मणि त्रिपाठी इसके पहले राज्य मुख्यालय लखनऊ में 3 वर्ष से अधिक तक बेसिक शिक्षा अधिकारी के रूप में काम कर चुके हैं। कानपुर देहात से प्रमोशन पाकर जौनपुर जनपद में डीआईओएस के रूप में एक फरवरी 2020 को नियुक्त हुए थे। उस समय यूपी बोर्ड माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षा भी होने वाली थी।त्रिपाठी ने शासन के निर्देशों पर अमल करते हुए यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा को नकल विहीन तरीके से बड़े ही गंभीरता के साथ संपन्न कराया था। पिछले 23 सितंबर को वह कार्यालय में ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए। हल्का बुखार और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद गोरखपुर से उनकी पत्नी और परिवार के लोग जौनपुर आए।
आनन-फानन में डीआईओएस को वाराणसी में भर्ती कराया गया जहां उनकी तबीयत में काफी सुधार हो गया था। रिपोर्ट भी निगेटिव आ गई थी। फिर अचानक उनके स्वास्थ्य में काफी गिरावट हुई। जौनपुर में 9 महीने के कार्यकाल के दौरान उन्होंने प्रदेश स्तर पर हुए अनामिका शुक्ला फर्जी शिक्षकों के नेटवर्क से जुड़े जालसाज शिक्षकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए मुकदमा भी दर्ज करवाया था। त्रिपाठी के पीछे पत्नी, एक बेटी और एक बेटा है। जिला विद्यालय निरीक्षक प्रवीण मणि त्रिपाठी शुरू से मेधावी रहे। उन्होंने 5 बार पीसीएस की परीक्षा क्वालीफाई की थी। 3 वर्ष तक डिप्टी एसपी के रूप में काम भी किया। दो बार आईएएस इंटरव्यू में बैठे लेकिन सफल नहीं हो पाए। इनके पिता रेलवे में क्लास वन अधिकारी रहे, अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं।