उत्तर प्रदेश से 10 राज्यसभा सीटों के लिए हो रहे चुनाव में 10वीं सीट को लेकर पेंच फंसता दिख रहा है. 8 सीटों पर बीजेपी का और एक सीट पर सपा का जीतना तय है. 10वीं सीट पर बसपा के उम्मीदवार रामजी गौतम हैं, वहीं निर्दलीय प्रकाश बजाज ने दावा ठोक दिया है. 2 नवंबर को नामांकन वापसी की आखिरी तारीख है और दोनों में से एक किसी एक का नामांकन नहीं होता है तो चुनाव का परिणाम मतदान से ही आएगा.
प्रकाश बजाज को समाजवादी पार्टी का समर्थन होना बताया जा रहा है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है लेकिन तेजी से बदलते घटनाक्रम इस ओर इशारा जरूर कर रहे हैं. दरअसल मंगलवार को प्रकाश बजाज के नामांकन के बाद बदली राजनीतिक परिस्थितियों में बुधवार को बड़ा राजनैतिक घटनाक्रम सामने आया. यूपी में राज्यसभा के लिए बसपा के प्रत्यशी रामजी गौतम के 10 प्रस्तावकों में से 5 प्रस्तावकों ने अपना प्रस्ताव वापस ले लिया. बता दें 10 विधायकों ने प्रस्ताव किया था, जिसमे से 5 ने आज नाटकीय ढंग से विधानसभा पहुंचकर अपना प्रस्ताव वापस ले लिया. बसपा के 5 विधायकों की बगावत से बसपा हतप्रभ दिख रही है. जिन विधायकों ने अपना नाम वापस लिया है, उनमें असलम चौधरी, असलम राईनी, मुज्तबा सिद्दीकी, हाकम लाल बिंद, गोविंद जाटव के नाम प्रमुख हैं.
इस घटनाक्रम को सपा प्रमुख अखिलेश यादव का पहला मास्टर स्ट्रोक भी कहा जा रहा है. एक झटके में बसपा टूट की कगार पर पहुंच गई है. कारण ये कि एमएलसी उदयवीर सिंह ने बसपा के पांचों बागी विधायकों की अखिलेश यादव से मुलाकात भी करा दी. ये पांचों बागी विधायक समाजवादी पार्टी कार्यालय पहुंचे. बंद कमरे में अखिलेश यादव से पांचों विधायकों की बातचीत चल रही है. बसपा विधायक असलम चौधरी की पत्नी ने कल ही समाजवादी पार्टी ज्वाइन की थी.