राज्यसभा चुनाव के दौरान बसपा प्रत्याशी के प्रस्तावकों से नाम वापस लेने और सपा के खेमे खड़े नजर आने वाले बीएसपी के 6 विधायकों को लेकर बसपा ने जवाबी हमला किया है. विधायकों की बगावत पर बसपा नेता उमाशंकर सिंह ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने बसपा को नहीं एक दलित को आगे बढ़ने से रोका है. दलित समाज सपा को मुहतोड़ जवाब देगा.
उन्होंने कहा कि सपा ने बसपा विधायकों की खरीद-फरोख्त कराई है. सपा की इस हरकत से बसपा पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. उमाशंकर सिंह ने इसके साथ ही मांग की कि सरकार बसपा विधायको के ठिकानों पर छापा मार जांच कराए. वहीं बीजेपी के राज्यसभा चुनाव में नवां प्रत्याशी नहीं उतारने के सवाल पर उमाशंकर सिंह ने कहा कि बीजेपी ने संख्या बल न होने की मजबूरी में प्रत्याशी नहीं उतारा.
बता दें उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के मास्टरस्ट्रोक से बैकफुट पर आई बसपा को एक और झटका लग सकता है. बसपा के राज्यसभा प्रत्याशी रामजी गौतम के प्रस्तावक के तौर पर अपना नाम वापस लेने वाले 5 बागी विधायकों के साथ एक और विधायक सुषमा पटेल ने अखिलेश यादव से मिलने सपा कार्यालय पहुंचे. सभी की बंद कमरे में मुलाक़ात हुई. कहा जा रहा है कि बसपा के ये विधायक समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकते हैं. इस बीच कहा जा रहा है कि बसपा प्रत्याशी रामजी गौतम अपना नाम वापस ले सकते हैं.
सपा से टिकट चाहते हैं बागी विधायक
बागी विधायक असलम चौधरी, असलम राइनी, मुज्तबा सिद्दीकी, हाकिम लाल बिंद और गोविंद जाटव ने मंगलवार को भी अखिलेश यादव से मुलाक़ात की थी. बसपा विधायक असलम चौधरी की पत्नी ने कल ही समाजवादी पार्टी ज्वाइन की थी. जानकारी के मुताबिक सभी पांचों बागी विधायक समाजवादी पार्टी से टिकट चाहते हैं. यह भी सूचना आ रही है कि एक दो और विधायक सपा में शामिल हो सकते हैं.
एमएलसी उदयवीर सिंह ने जब मंगलवार को इन पांचों विधायक की मुलाक़ात अखिलेश यादव से करवाई तभी इस नाटकीय घटनाक्रम की पटकथा लिख दी गई. सपा ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर आखिरी वक्त में प्रकाश बजाज का नामांकन करवा दिया. इसके बाद एक सीट के लिए मतदान तय माना जा रहा था. लेकिन आज जैसे ही बसपा के पांच विधायकों ने प्रस्तावक के तौर पर अपना नाम वापस लिया तो सारा खेल ही बिगड़ गया. अब राज्यसभा चुनाव में प्रकाश बजाज की जीत तय मानी जा रही है.