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UP-By-Election Counting: मल्हनी में निर्दलीय उम्मीदवार धनंजय सिंह, सपा से आगे

वो दिन आ गया जिसका सभी को इंतजार था। उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले की मलह्नी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव की मतगणना मंगलवार सुबह से शुरू हो गई है। आज शाम तक परिणाम आ जाएगा कि कौन उम्मीदवार बाजी मारेगा। मल्हनी से 16 प्रत्याशी मैदान में हैं। भाजपा के मनोज सिंह, सपा के लकी यादव, बसपा से जयप्रकाश दुबे, कांग्रेस से राकेश मिश्र और निर्दलीय उम्मीदवार धनंजय सिंह प्रमुख पर नजरें बनी हुई हैं।

मल्हनी विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के लिए वोटों की गिनती शुरू हो गई है। चौकियां स्थित नवीन मंडी स्थल परिसर में बने स्ट्रांग रूम का सुबह ठीक 8 बजे प्रेक्षक आर गिरजा की मौजूदगी में ताला खुला। एक-एक कर 21 बूथों की ईवीएम को मतगणना के लिए 21 टेबल पर ले जाया गया।

धनंजय सिंह, सपा से 1057 वोटों से आगे चल रहे हैं। धनंजय सिंह को 7480 वोट और सपा के लकी यादव को 6423 वोट मिले हैं।
मल्हनी विधानसभा सीट, दूसरा राउंड
धनंजय सिंह (निर्दलीय उम्मीदवार): 4594
लकी यादव (सपा): 3483
मनोज सिंह (भाजपा): 2226
जयप्रकाश दुबे (बसपा): 2324
राकेश मिश्रा (कांग्रेस): 195

मल्हनी में कुल 16 प्रत्याशी मैदान में हैं। भाजपा से मनोज सिंह, सपा से लकी यादव और निर्दल उम्मीदवार बाहुबली पूर्व सांसद धनन्जय सिंह के बीच मुख्य लड़ाई है। इनके अलावा बसपा से जयप्रकाश दुबे, कांग्रेस से राकेश मिश्रा सहित अन्य 11 उम्मीदवार भी हैं।

बनेगा इतिहास-
अगर लकी चुनाव जीतने में कामयाब हुए तो सपा की यहां हैट्रिक होगी। मल्हनी से पहले रारी के नाम पर रहे इस विधानसभा क्षेत्र में अब तक कोई भी दल हैट्रिक नहीं लगा पाया है। इसी तरह भाजपा के लिए भी यहां इतिहास रचने का मौका है। पार्टी को अब तक यहां जीत नहीं मिली है। वर्ष 1962 में कुंवर श्रीपाल सिंह को जरूर जीत मिली थी, मगर तब यह रारी विधानसभा सीट थी।

1962 के बाद से कभी भी भगवा खेमे में जीत की खुशी नहीं दौड़ी। यहां तक कि लोकसभा चुनाव में भी पार्टी हमेशा यहां से पिछड़ती रही है। अगर मनोज सिंह इस बार जीत दर्ज करने में कामयाब रहे तो वह भाजपा के लिए बड़ी उपलब्धि होगी।

निर्दल उम्मीदवार धनंजय सिंह रारी से दो बार विधायक रहे। पहली बार वर्ष 2002 में भी वह निर्दल ही चुनाव जीते थे। इसके बाद वर्ष 2007 में जदयू के सिंबल पर निर्वाचित हुए। वर्ष 2009 के उपचुनाव में पिता राजदेव सिंह बसपा से निर्वाचित हुए। वर्ष 2012 में पत्नी जागृति सिंह निर्दल तो वर्ष 2017 में वह खुद निषाद पार्टी के सिंबल पर मैदान में उतरे थे। कड़ी टक्कर के बाद भी वह जीत दर्ज नहीं कर सके। अगर धनंजय सिंह को जीत मिली तो वह निर्दल उम्मीदवार के रुप में चुनाव जीतने वाले मल्हनी के पहले विधायक होंगे। इससे पहले रारी में भी उन्होंने ही निर्दलीय चुनाव जीता था।

इतिहास-
नए परिसीमन के बाद वर्ष 2012 से अस्तित्व में आया जौनपुर जिले का मल्हनी विधानसभा क्षेत्र पहले रारी के नाम से जाना जाता था। यहां अब तक हुए चुनावों में सबसे बड़ी जीत का रिकार्ड सपा के पारसनाथ यादव के नाम पर है। वहीं सबसे कम अंतर से चुनाव जीतने वाले राजबहादुर हैं।

सिकरारा, बक्शा और करंजाकला ब्लाक के अधिसंख्य और सिरकोनी ब्लाक के कुछ हिस्सों को मिलाकर मल्हनी (पहले रारी) विधानसभा क्षेत्र का गठन हुआ है। वर्ष 2012 में मल्हनी सीट पर हुए पहले चुनाव में सपा के पारसनाथ यादव ने रिकार्ड 81602 वोट पाकर निर्दल उम्मीदवार डॉ. जागृति सिंह को 31502 वोटों के अंतर से हराया था। डॉ. जागृति को 50100 वोट मिले थे।

वहीं, सबसे कम अंतर से जीत वर्ष 1977 में जनता पार्टी के राजबहादुर को हासिल हुई थी। उन्होंने महज 1219 वोटों के अंतर से कांग्रेस के सूर्यनाथ को शिकस्त दी थी। राजबहादुर के 34730 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के सूर्यनाथ उपाध्याय को 33511 वोट प्राप्त हुए।