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जंगल के बीच बसे इस गांव में CM योगी हर साल मनाते हैं दिवाली, अयोध्‍या से सीधे पहुंचेंगे

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ इस बार भी दिवाली गोरखपुर के वनटांगिया परिवारों के साथ मनाएंगे। वह शनिवार को अयोध्‍या से सीधे गोरखपुर पहुंचेंगे। यहां वनटांगिया गांव जंगल तिनकोनिया नंबर तीन में उनके स्‍वागत और दीपावली की तैयारियां जोरशोर से की जा रही हैं। खास बात यह है कि इस बार आयोजन में कोविड-19 प्रोटोकॉल का खास तौर पर ध्‍यान रखा जा रहा है। पहले इस आयोजन में गोरखपुर और महराजगंज के तमाम वनटांगिया ग्राम शा़मिल होते थे। इस बार सिर्फ पांच गांवों के वनटांगियां शामिल हो सकेंगे।

तैयारियों को लेकर मंगलवार को हिन्दू युवा वाहिनी के प्रदेश महामंत्री इंजी. पीके मल्ल जंगल तिनकोनियां पहुंचे। उन्‍हें देख कोरोना काल में आयोजन को लेकर संशय में पड़े ग्रामीणों के बीच खुशी फैल गई। गांव के लोग उत्साह से भर उठे। गांव के किशोर, अपने बचपन के दिनों में हर दिवाली टॉफियां और उपहार लेकर आने वाले सीएम योगी आदित्‍यनाथ को याद करने लगे। ग्रामीण भी खुश है कि इस बार भी सीएम उनके बीच दिवाली मनाएंगे। मुख्यमंत्री के आगमन का कोई अधिकृत प्रोटोकॉल नहीं आया है लेकिन जिला प्रशासन तैयारियों में जुटा है। गांव में हैलीपैड भी बनाया जाएगा। दूसरी ओर ग्रामीण भी श्रमदान कर साफ सफाई करने की तैयारियों में जुट गए हैं।

5 वन ग्राम के ही वनटांगियां होंगे शामिल
दिवाली उत्सव में सिर्फ जिले के वन ग्राम जंगल तिनकोनिया नंबर-3, रजही कैंप, रामगढ़ खाले, आमबाग और चिलबिलिया ही ग्रामीण शामिल होंगे। महराजगंज जिले के वनटांगियां इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकेंगे। यह कदम कोविड 19 के संक्रमण के मद्देनजर उठाया गया है। पीके मल्ल भी कहते हैं कि आयोजन में फिजिकल डिस्टेंसिंग का पूरा रखा जाएगा।

विकास कार्यों का जाएजा भी लेंगे सीएम योगी
मुख्यमंत्री हमेशा के तरह इस बार भी गांव में होने वाले विकास कार्य का निरीक्षण भी कर सकते हैं। इसलिए भी जिला प्रशासन ऐसे कार्य जो किन्ही वजहों से अधूरे रह गए हैं, उन्हें पूर्ण करने में जुट गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के कुर्सी संभालने के साथ ही वन ग्राम को 2017 में राजस्व ग्राम का दर्जा दिया। आजादी के 70 साल बाद गांव में सड़क एवं बिजली पहुंची।

2009 से चल रहा दिवाली मनाने का सिलसिला
वन ग्राम जब लोकसभा क्षेत्र सदर में 2009 में शामिल हुआ, तभी से योगी आदित्यनाथ का वनटांगियों की समस्याओं को अपनी समस्या मानते हुए उनके लिए संघर्ष में शामिल हुए। वन टांगियों के हर घर -घर दीप जलाने के लिए तभी से अनवरत उनके साथ दीपोत्सव मनाते रहे हैं। इस साल भी यह सिलसिला जारी रहेगा।