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International Men’s Day:जानिए कैसे एक इन्सान का जन्म दिवस बना अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस

हर साल 19 नवंबर को इंटरनेशनल मेन्स डे के तौर पर मनाया जाता है. इसकी शुरुआत 1998 में त्रिनिदाद और टोबैगो में हुई थी. डॉ. जीरोम ने ही पुरुष दिवस मनाने की शुरूआत की थी. उन्होंने अपने पिता के जन्मदिन को पुरुष दिवस के रूप में मनाया था. और अब इनके जन्मदिन को पूरे भारत में अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस में मनाता है.

पुरुष दिवस पहली बार साल 2007 में सेलिब्रेट हुआ-

भारत में अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस पहली बार साल 2007 में सेलिब्रेट किया गया था. जिंदगी में पुरुषों के योगदान को एक नाम देने की जिम्मेदारी डॉ. जीरोम तिलक सिंह ने उठाई थी. अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने के उद्देश्य पुरुषों में स्वास्थ्य की जागरूकता बढ़ाने, लिंग संबंधों में सुधार और लैंगिक समानता को बढ़ावा देना है. अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने की शुरुआत 1999 में की गई थी.

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अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस एक साल के सबसे खास दिनों में से एक है. 8 मार्च को हर साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मानव जाति के प्रति महिलाओं के योगदान का जश्न मनाने के अलावा, 19 नवंबर को पुरुषों द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका को चिह्नित करते हुए, अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस हर साल मनाया जाता है.

आपको बता दें कि, टेलेकसिंह ने इस परियोजना की वकालत करते हुए कहा था, “समाज में लैंगिक समानता के लिए प्रयास किये जा रहे हैं और यहां पुरुषों से जुड़ी नकारात्मक छवि और कलंक को दूर करने के लिए ये धैर्यपूर्वक प्रयास किए जा रहे हैं. और इस खास बनाने ले लिए लोग एक-दूसरे को मैसेज, इमेज भेजकर और वॉट्सएप, फेसबुक पर स्टेटस लगाकर बधाई देते हैं.