देश भर में कोरोना ने हाहाकार मचा रहा हैं. जिसकी वजह से छोटे व्यापार से लेकर बड़े व्यापार बहुत ही मुश्किलों चल रहा हैं ऐसे में कोरोना ने इवेंट कंपनियों का धंधा भी मंदा कर दिया है. आपको बता दें कि, 45 हज़ार करोड़ रुपये की वेडिंग इंडस्ट्री आधी भी नहीं रह गई है. उस पर शादी समारोह में सरकारी कायदे-कानून इवेंट कंपनियों के पसीने छुड़ा रहे हैं. देवोत्थान शादियों का सबसे बड़ा सहलग माना जाता है. कई महीने पहले की बुकिंग के बाद शादियों के इंतज़ाम हो पाते हैं. ऐसे ही एक इंतज़ाम में इवेंट कंपनियों का स्टाफ दिन-रात लगा हुआ है. यह इंतज़ाम है जवान पंडितजी का.
तलाशे जा रहे हैं जवान पंडित-
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गाज़ियाबाद में एक इवेंट कंपनी के मैनेजर रोहित सुनेजा बताते हैं यूपी सरकार का आदेश आया है कि शादी समारोह में न तो कोई छोटा बच्चा शामिल होगा और न ही कोई बुजुर्ग. लेकिन दिक्कत यह है कि जब हम शादी में धार्मिक रीति-रिवाज पूरे कराने के लिए पंडितजी लाते हैं तो वो बुर्जुग मिलते हैं. ऐसे में समारोह में किसी बुर्जुर्ग के शामिल होने पर सरकारी कार्रवाई होने का डर लगा रहता है. साथ ही समारोह में खलल भी पड़ सकता है. इसलिए आसपास जवान मतलब कम उम्र के पंडितजी तलाशे जा रहे हैं. जो मिल भी रहे हैं तो कुछ की पहले से ही बुकिंग हो चुकी है. कुछ खाली मिलते हैं तो वो फीस बहुत ज़्यादा चार्ज कर रहे हैं.
शादी में शामिल होंगें कोरोना कर्मी-
जहां भी कोई शादी-समारोह होगा तो उससे पहले अनुमति लेनी होगी. इसके साथ ही समारोह स्थल का पता और उसका टाइम भी दर्ज कराना होगा. पता इसलिए पूछा जा रहा है कि जब कार्यक्रम शुरु होगा तो प्रशासन की तरफ से एक कोविड कर्मी उस शादी में मौजूद रहेगा. यह कोविड कर्मी पूरे समारोह पर निगाह रखेगा और जैसे ही समारोह में संख्या 50 से ऊपर हुई तो आयोजक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.