यूपी के कौशांबी जिले में फर्जी डिग्री पर शिक्षक बने जालसाजों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। दो दिन में बीएसए ने 18 फर्जी शिक्षकों के खिलाफ भू-राजस्व की भांति वसूली के लिए नोटिस जारी किया है। इन शिक्षकों ने जब से नौकरी शुरू की और निलंबित होने की तिथि तक करीब दो करोड़ 50 लाख रुपये वेतन के रूप में लिया है। संपूर्ण धनराशि की रिकवरी के लिए नोटिस जारी किया गया है। इन शिक्षकों को पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है।
दरअसल कौशांबी जिले के विभिन्न प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 44 जालसाजों ने फर्जी बीटीसी व टीईटी की मार्कशीट के सहारे नौकरी हासिल की थी। दस्तावेजों की जांच के बाद फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ तो हड़कंप मच गया। लेकिन तब तक बहुत से शिक्षकों ने लगभग 10 साल तक नौकरी कर ली थी। अब इन फर्जी शिक्षकों के खिलाफ बेसिक शिक्षा विभाग सख्त हो गया है। बीएसए ने सोमवार को 13 शिक्षक व मंगलवार को पांच शिक्षकों के खिलाफ बेसिक शिक्षा विभाग ने नोटिस जारी किया है। बचे शिक्षकों ने कोर्ट में वाद दाखिल कर दिया है। इनमे से 9 शिक्षकों को अदालत से राहत मिली है। 18 फर्जी शिक्षकों को मिले वेतन की वसूली डीएम के निर्देश के बाद भू-राजस्व की भांति होगी। इनको वेतन के रूप में दिए गए लगभग दो करोड़ 50 लाख रुपये की वसूली होगी। डीएम की संस्तुति मिलने के बाद सभी को नोटिस भेज दी गई।
इसे भी पढ़े: PM मोदी को मिली जान से मारने की धमकी..
बीएसए प्रकाश सिंह ने बताया कि ये ऐसे लोग हैं, जिन्होंने फर्जी दस्तावेज के सहारे नौकरी की थी। इनको पहले ही बर्खास्त कर दिया गया था। अब इन्हें वसूली की नोटिस भेजी गई है। फर्जी शिक्षकों से ब्याज सहित वसूली के लिए डीएम को पत्र लिखा गया है। इन लोगों से भू राजस्व की भांति वसूली होगी।