उत्तर प्रदेश के संगम नगरी प्रयागराज में अगले महीने से शुरू हो रहे माघ मेले में ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मी अंग्रेजी में बोलते हुए श्रद्धालुओं का अभिवादन करते नज़र आएंगे. मेले में ड्यूटी करने वाले पांच हज़ार पुलिस कर्मियों को अंग्रेजी बोलने की स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी. पुलिसकर्मी श्रद्धालुओं को वेलकम सर और मे आई हेल्प यू बोलकर अलग अंदाज़ में पुलिसिंग करेंगे. इसके साथ ही मेले में इस बार सिर्फ सदाचारी पुलिसकर्मियों की ही ड्यूटी लगाई जाएगी.
शराब पीने व कोई दूसरा नशा करने के साथ ही मांस-मछली खाने वाले पुलिसकर्मियों को मेले में क़तई नहीं बुलाया जाएगा. उन्हें श्रद्धालुओं से अच्छा व्यवहार रखने, डंडा पटकने के बजाय गाइड के तौर पर सेवा भाव के साथ काम करने के प्रशिक्षण अलग से दिया जाएगा. योगी सरकार ने यह सारी कवायद कोविड काल में माघ मेले में आस्था की डुबकी लगाने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की मदद के मद्देनज़र की है. साधू -संतों से लेकर तीर्थ पुरोहितों तक ने सरकार के इन फैसलों की सराहना की है.
पुलिसकर्मियों को दी जाएगी बेसिक इंग्लिश की जानकारी
कोरोना के साये में हो रहे माघ मेले में इस बार वैसे तो कम संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, लेकिन इस बावजूद योगी सरकार सुविधाओं में कोई कटौती करने के बजाय उन्हें बढ़ाए जाने का फैसला किया है. मेले में बड़ी संख्या में विदेशी सैलानियों के साथ ही दक्षिण और पूर्वोत्तर भारत के भी श्रद्धालु आते हैं, जो ठीक से न हिन्दी बोल पाते हैं और न समझ पाते हैं. ऐसे श्रद्धालुओं के लिए ही इस बार मेले में ड्यूटी करने वाले सभी पांच हज़ार पुलिसकर्मियों को अंग्रेजी की ख़ास ट्रेनिंग दी जाएगी. उन्हें दस से पंद्रह दिनों की क्लास कराई जाएगी. इस ट्रेनिंग क्लास में उन्हें बेसिक इंग्लिश की जानकारी दी जाएगी. इंग्लिश में बात करने वाले श्रद्धालुओं की बातों को समझकर उन्हें अंग्रेजी में ही जवाब देना, उनकी मदद करना, उन्हें रास्ता बताना और ज़रूरी जानकारियां मुहैया कराने के लिए तैयार किया जाएगा. जो भी श्रद्धालु पुलिस कर्मियों के पास पहुंचेंगे, उन्हें वह वेलकम सर और मे आई हेल्प यू बोलकर उनका अभिवादन करेंगे. हालांकि पुलिसकर्मी अंग्रेजी में बात सिर्फ उन्ही श्रद्धालुओं से करेंगे, जो हिन्दी नहीं बोल पाते हैं.
प्रयागराज रेंज के आईजी कवीन्द्र प्रताप सिंह के मुताबिक़ इसके साथ ही इस बार मेले में अच्छे ट्रैक रिकार्ड वाले पुलिस कर्मियों की ही नियुक्ति की जाएगी. दागी पुलिसकर्मियों के बजाय साफ़ सुथरी छवि वाले सदाचारी स्वभाव के लोगों को ही ड्यूटी पर लगाया जाएगा. ऐसे पुलिसकर्मियों की ड्यूटी कतई नहीं लगाई जाएगी, जो शराब या किसी दूसरे नशे का सेवन करते हैं. मांसाहारी पुलिसकर्मियों की भी ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी. ऐसा इसलिए क्योंकि शराब या मांस का इस्तेमाल करने वाले पुलिसकर्मी यहां रोक के बावजूद चोरी छिपे इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. मेले में ड्यूटी करने वाले पुलिस कर्मियों को श्रद्धालुओं के साथ अच्छा व्यवहार रखने की अलग से ट्रेनिंग दी जाएगी. उन्हें यह बताया जाएगा कि यहां अलग तरह की पुलिसिंग करनी है. डंडा पटकने के बजाय सेवा भाव के साथ काम करना है. क्राइम कंट्रोल और क़ानून व्यवस्था पर नज़र रखने के साथ ही एक गाइड की भी भूमिका निभानी है.
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मेले में तकरीबन पांच हज़ार पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगेगी
आईजी केपी सिंह के मुताबिक मेले के लिए पुलिसकर्मियों की आमद दस दिसम्बर से शुरू हो जाएगी. मेले में तकरीबन पांच हज़ार पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगेगी. मेले में इस बार भी तेरह थाने और अट्ठाइस पुलिस चौकियां बनेंगी. बाहर से साढ़े तीन हजार पुलिसकर्मी बुलाए जाएंगे. माघ मेला चौदह जनवरी से शुरू होकर ग्यारह मार्च को महाशिवरात्रि तक चलेगा. संत परमहंस योगी जी महाराज और तीर्थ पुरोहित महासभा के अध्यक्ष राजेंद्र पालीवाल ने पुलिस महकमे के इन फैसलों का स्वागत किया है और कहा है कि सोशल और कम्युनिटी पुलिसिंग होने से श्रद्धालुओं को काफ़ी मदद मिलेगी.