उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के सर्वे में प्राइमरी स्कूलों के टीचरों को लेकर एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. बेसिक शिक्षा विभाग के सर्वे से पता चला है कि, यूपी के प्राइमरी स्कूलों टीचरों को छुट्टियों के लिए रिश्वत देनी पड़ती है. दरअसल बेसिक शिक्षा विभाग ने आईवीआरएस कॉल के जरिए प्रदेश के विभिन्न जिलों में तैनात 12733 टीचर्स से बात कर उनका फ़ीडबैक लिया. इस दौरान टीचर्स से अवकाश के बदले विभागीय अधिकारियों द्वारा शोषण की बात पूछी गई.
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घूस न मिलने पर एप्लीकेशन लंबित-
पूछताछ में 1548 टीचर्स ने स्पष्ट तौर पर शोषण की बात कही और बताया कि बिना रिश्वत दिए छुट्टी नहीं मिलती. उन्होंने बताया कि मेडिकल लीव लेनी हो या बच्चों की देखभाल के लिए अवकाश, सभी के घूस के रेट फिक्स हैं. टीचरों ने बताया कि जो घूस नहीं देते उनके अवकाश प्रार्थना पत्र लंबित रखे जाते हैं. ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी बिना रिश्वत के प्रार्थना पत्र देखते भी नहीं हैं.
शादी की छुट्टी में दोगुनी रिश्वत-
यही नहीं शिक्षकों ने बताया कि नए टीचर्स को अपनी शादी की छुट्टी के लिए दोगुना रिश्वत देनी होती है. आम अवकाश का रेट प्रतिदिन के हिसाब से 500 से 1000 है तो शादी के लिए प्रतिदिन 2000 के हिसाब से खण्ड शिक्षा अधिकारी को देने होते हैं.
बेसिक शिक्षा विभाग के सर्वे से ये पता चला-
बता दें बेसिक शिक्षा विभाग में अवकाश के लिए आईवीआरएस के जरिए ऑनलाइन आवेदन करने की व्यवस्था है. लेकिन टीचर्स अवकाश के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं करते हैं. टीचरों ने कारण बताया कि उन्हें डर रहता है कि ऑनलाइन आवेदन करते ही खण्ड शिक्षा अधिकारी को पता चल जाएगा कि किस टीचर ने कितने दिन का अवकाश मांगा है? ये खुलासा खुद बेसिक शिक्षा विभाग के अपने सर्वे में हुआ है,
1-सर्वे में खुलासा- छुट्टी के लिए घूस के रेट
2-आम अवकाश का रेट 500 से 1000 रुपये रोजाना
3-शादी के लिए 2000 रुपये रोजाना