Breaking News

आजमगढ़ से चुनाव लड़ेंगे अखिलेश यादव, मुबारकपुर सीट पर कांग्रेस और BSP ने उतारे मुस्लिम कैंडिडेट

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में आजमगढ़ जिले में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के उम्मीदवार ने समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को मुसीबत में डाल दिया है। आजमगढ़ जिला समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है, और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव यहीं से सांसद भी हैं। 2017 विधानसभा चुनाव के दौरान मोदी लहर में भी सपा ने पांच ,बसपा ने चार सीटें जीती थी। भाजपा को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली थी।

शाह आलम दो बार से विधायक चुने जा रहे हैं: आजमगढ़ जिले की मुबारकपुर विधानसभा सीट पर एआईएमआईएम प्रत्याशी ने सपा और बसपा की धड़कने तेज कर दी है। बता दें कि एआईएमआईएम ने मुबारकपुर से कद्दावर नेता शाह आलम को उम्मीदवार बनाया है।

शाह आलम पिछले दो बार से लगातार मुबारकपुर सीट से विधायक चुने जा रहे हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में शाह आलम ने समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव को 688 वोटों से हराया था। बता दें कि पिछले साल नवंबर महीने में शाह आलम ने बसपा से इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था। लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया जिसके बाद वह AIMIM के टिकट पर मैदान में है।

आजमगढ़ जिले की मुबारकपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस ,बसपा और एआईएमआईएम ने मजबूत मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा है। समाजवादी पार्टी को डर यह है कि अगर मुस्लिम उम्मीदवारों में वोट बंट गए तो बीजेपी को फायदा हो सकता है।

बसपा ने अब्दुस्सलाम तो वहीं AIMIM ने शाह आलम को उम्मीदवार बनाया है। समाजवादी पार्टी ने अखिलेश यादव पर एक बार फिर से भरोसा जताया है। अखिलेश यादव 2017 के विधानसभा चुनाव में 688 वोट से चुनाव हार गए थे। वहीं बीजेपी ने अरविंद जायसवाल को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने महिला उम्मीदवार परवीन मंदे पर भरोसा जताया है।

25 सालों से बसपा का कब्ज़ा: आजमगढ़ जिले की मुबारकपुर सीट बसपा का गढ़ मानी जाती है। पिछले 25 सालों से यहां पर बसपा कभी हारी नहीं है। 1996, 2002, 2007, 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने जीत हासिल की थी। 1993 के चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी ने, जबकि 1991 के चुनाव में जनता दल ने जीत दर्ज की थी।

जातीय समीकरण: बता दें कि आजमगढ़ जिले की मुबारकपुर सीट मुस्लिम और यादव बाहुल्य है। इस सीट पर करीब 70 हजार मुस्लिम वोटर है तो वहीं करीब 60 हजार यादव वोटर भी हैं। 60 हजार के करीब दलित मतदाता भी इस सीट पर है जबकि करीब 45 हजार ठाकुर वोटर भी इस सीट पर है।