युपी विधानसभा चुनाव में पांचवें चरण में मतदान 27 फरवरी को होना है।इसी चरण में कौसांबी के सिराथु विधानसभा सीट पर भी मतदान होना हैं।यह सीट चर्चा में इसलिए हैं कि यहां से प्रदेश के मौजूदा उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य चुनाव लड़ रहे हैं।उससे भी चर्चा ये कि सोमवार को समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी और अपनी बहन पल्लवी पटेल को हराने के लिए अनुप्रिया पटेल ने सीराथु विधानसभा क्षेत्र से हराने की अपील कर डाली ।बहन पल्लवी पटेल पर पिता के आदर्शो के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया।अनुप्रिया यहीं नहीं रुकी वह बहन पल्लवी पटेल पर एक के बाद एक आरोप मढते चली गई ।
अनुप्रिया पटेल का दावा हैं कि साईकल पंचर हो गया है और गठबंधन जीत रहा हैं।सिराथु के रण मे अनुप्रिया पटेल के पहुंचने के बाद मामला एकदम गर्म हो गया है ।
आपको बताते चलें कि अपना दल एस को अनुप्रिया पटेल के पिता सोनेलाल पटेल ने बनाया ।पिता के मृत्यु के बाद अनुप्रिया पटेल ने नेतृत्व संभाला।लेकिन पारिवारिक कारणों के वजह मां कृष्णा पटेल ने अपना दल कामेरावादी नाम से अलग गुट बना लिया वही अनुप्रिया पटेल अपना दल एस का नेतृत्व कर रहीं हैं ।अनुप्रिया पटेल भाजपा गठबंधन के साथ हैं और केंद्र में मंत्री भी ।वहीं उनकी मां कृष्णा पटेल सपा गठबंधन से प्रतापगढ़ से चुनाव लड़ रहीं हैं ।हालाकि अनुप्रिया पटेल ने अपने मां के खिलाफ कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है।वहीं बहन पल्लवी पटेल सपा के टिकट पर सिराथु से मैदान में जिसको लेकर अनुप्रिया पटेल हमलावर हैं ।अनुप्रिया पटेल अपनी बहन को हराने के लिए युद्ध छेड़ दिया है।वहीं बात अगर सीराथु सीट की करे तो उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने यहां एक अपनी छवि स्थापित कर ली हैं।लेकिन सपा के पल्लवी पटेल में मिल रहें टक्कर को देखते हुए यहां उनकी बहन भाजपा की सहयोगी अनुप्रिया पटेल को मोर्चा संभालना पड़ा।वहीं छेदु चमार भी यहां से चर्चित प्रत्याशी हैं।कुल मिलाकर इस हाई-प्रोफाइल सीट पर पर बहन बनाम बहन की लड़ाई हो चलीं हैं ।यह देखना दिलचस्प होगा कि कि इस रणक्षेत्र में कौन सी बहन किस पर भारी पड़ती है और केशव प्रसाद मौर्य के भविष्य का क्या फैसला होता है ।