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बीजेपी को मिलेगा भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या का आशीर्वाद या बजरंगबली करेंगे अखिलेश का बेड़ापार?

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar pradesh assembly election) के पांचवें चरण का मतदान जारी है और राज्य की 61 सीटों पर आज जनता अपने मताधिकार का प्रयोग कर रही है. फिलहाल राज्य के जिन 12 जिलों में मतदान (Voting) हो रहा है. उसमें अयोध्या काफी अहम माना जा रहा है. क्योंकि अयोध्या (Ayodhya) में भगवान श्रीराम के मंदिर का निर्माण हो रहा है. जिसके बाद बीजेपी को उम्मीद है कि वह जिले की सभी पांच सीटों पर जीत दर्ज करेगी. हालांकि बीजेपी 2017 के विधानसभा चुनाव में अयोध्या की सभी पांचों सीटों पर जीत दर्ज की थी.

अयोध्या को साधने के लिए जहां बीजेपी ने पूरा जोर चुनाव प्रचार के दौरान लगाया. वहीं चुनाव प्रचार के आखिरी दिन समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हनुमानगढ़ी के दर्शन किए. लेकिन भगवान श्रीरामलला से दूरी बनाकर रखी.

यूपी चुनाव के पांचवें चरण में चुनाव प्रचार आखिरी के दिनों में सियासी दलों अयोध्या में ही केंद्रित कर दिया. ताकि हिंदू वोटरों को साधा जा सके. सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में दो दिन तक डेरा डाला और वह हनुमानगढ़ी के दर्शन के बाद चित्रकूट और प्रयागराज के लिए निकले.

शुक्रवार को ही अखिलेश यादव भी अयोध्या पहुंचे. लेकिन उन्होंने एक बार फिर भगवान श्रीरामलला के दर्शन नहीं किया. लेकिन हनुमानगढ़ी जाकर हिंदू वोटरों को लुभाने की कोशिश की. खास बात ये है कि अखिलेश यादव पिछले दिनों ही अयोध्या जाने वाले थे. लेकिन वहां पर संतों ने उनका विरोध कर दिया था.

जिसके बाद अखिलेश यादव ने अपना सियासी दौरा रद्द कर दिया था. लेकिन अयोध्या आने के बावजूद उन्होंने श्रीरामलला के दर्शन नहीं किए.

जानिए क्या है अयोध्या का सियासी इतिहास

देश में आपातकाल के बाद 1977 में हुए चुनावों में अयोध्या की जनता ने जनता पार्टी के उम्मीदवार जयशंकर पांडेय को पहली बार विधानसभा भेजा था और उस वक्त रुदौली, बीकापुर और सोहावल में जनता पार्टी जीती थी. वहीं 1980 में अयोध्या से कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री विधायक चुने गए और कांग्रेस की सरकार बनी. इसके बाद एक बार फिर 1989 में जयशंकर पांडेय ने जनता दल के टिकट पर अयोध्या में विस चुनाव जीता और मुलायम सिंह यादव राज्य में पहली बार सीएम बने.

इसके बाद 1991 के चुनाव में मौजूदा सांसद और फिर बीजेपी के उम्मीदवार लल्लू सिंह विधायक बने और राज्य में बीजेपी की सरकार बनी. इसके उस वक्त बीजेपी ने जिले की पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी. लेकिन 2012 के विधानसभा चुनाव में लल्लू सिंह को एसपी तेजनारायण पांडेय पवन ने हराया था और राज्य में एसपी की सरकार बनी थी.

2017 में बीजेपी ने जीती थी पांच सीटें

2012 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी महज एक सीट अयोध्या में जीत सकी थी. लेकिन 2017 के चुनाव में बीजेपी ने जिले की सभी पांचों सीटों पर जीत दर्ज की थी. राज्य में बीजेपी की सरकार बनी थी. इस चुनाव में वेदप्रकाश गुप्ता को बीजेपी के टिकट पर अयोध्या से सबसे बड़ी जीत मिली थी. वहीं एक बार सबकी नजर अयोध्या पर टिकी हुई है. क्योंकि श्रीराम मंदिर का निर्माण जारी है और बीजेपी अयोध्या के जरिए हिंदू वोटर को साधने में जुटी हुई है.

अयोध्या की पांच सीटों पर 18.50 लाख मतदाता करेंगे मतदान

जानकारी के मुताबिक अयोध्या जिले की पांच विधानसभा सीटों के लिए 46 उम्मीदवार मैदान में हैं और इन प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करीब 18.50 लाख मतदाता करेंगे. आज के मतदान में जिन प्रमुख उम्मीदवारों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है, उनमें तीन पूर्व मंत्रियों में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अवधेशप्रसाद, तेजनारायण पांडेय पवन और आनंदसेन यादव शामिल हैं. वहीं बीजेपी के रामचंद्र यादव, वेद प्रकाश गुप्ता और गोरखनाथ बाबा शामिल हैं. इसके साथ ही पूर्व विधायकों में बीएसपी के अब्बास अली जैदी रुश्दी और एसपी के पूर्व विधायक अभय सिंह के भाग्य का फैसला भी मतदाता ही करेंगे