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मतगणना के पहले स्वीकार की हार, निर्दल प्रत्याशी तरुण श्रीवास्तव बोले- अब मेयर चुनाव की तैयारी

तरुण श्रीवास्तव प्रयागराज के शहर दक्षिणी से निर्दल प्रत्याशी के रूप में विधानसभा का चुनाव लड़ रहे थे। अभी 10 मार्च को मतगणना होनी है, लेकिन इसके पहले ही उन्होंने अपनी हार स्वीकार कर ली है। इंटरनेट मीडिया पर पिछले दिनों तक वह विधानसभा चुनाव का जिक्र कर रहे थे और अब अब हार स्वीकार करते हुए अगला लक्ष्य मेयर की कुर्सी तक पहुंचने का बना रहे हैं।

नामांकन से लेकर मतदान तक तरुण चर्चाओं में रहे। इसकी वजह उनके प्रचार का अलग तरीका था। वह कार के काफिले नहीं, बल्कि इलेक्ट्रिक रिक्शे से चलते थे और प्रचार करते थे।

बहुत नजदीक से देखी अस्पतालों की बदहाली
तरुण श्रीवास्तव कहते हैं कि उनके राजनीति में आने का कारण अस्पतालों की बदहाल व्यवस्था सुधारना है। उन्होंने बताया कि कोरोना में हमने अपने दो भाइयों को खोया है। सरकारी अस्पतालों में दोनों भाइयों काे बेहतर इलाज नहीं मिला। मैं सभी से अनुरोध करता रहा, लेकिन मेरी कोई सुनवाई नहीं हुई है। मैं चाहता हूं कि यदि जनता जब भी मुझे मौका देती है, तो मैं अस्पतालों को सुधारने के साथ-साथ अन्य भ्रष्टाचार खत्म करने का प्रयास करूंगा।

मंत्री नंदी के सामने लड़ रहे थे चुनाव
शहर दक्षिणी से कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी भी चुनाव लड़ रहे थे। ऐसे में तरुण मंत्री के सामने चुनावी मैदान में थे। मगर, मतदान के बाद ही निर्दलीय प्रत्याशी ने जनता का मूड भांप लिया और 10 मार्च यानी मतगणना के पहले ही उन्होंने अपनी हार स्वीकार कर ली है।

फेसबुक पर पोस्ट पर उन्होंने लिखा- तरुण श्रीवास्तव, महापौर प्रत्याशी प्रयागराज। दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान कहा कि मुझे विधानसभा चुनाव में जनता का सहयोग नहीं मिला, इसलिए मैं पहले से ही अपनी हार स्वीकार करता हूं। इसके पहले तरुण पार्षद का भी चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए थे।