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यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आदेश- 72 घंटे में किसानों को हो गेहूं खरीद का भुगतान

उत्तर प्रदेश में शुक्रवार से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं की खरीद शुरू हो गई। पहले दिन 3989 क्रय केंद्रों पर किसान गेहूं लेकर पहुंचे, जहां गेहूं खरीद की प्रक्रिया शुरू हुई। गेहूं की खरीद 15 जून तक की जाएगी। सरकार ने रबी विपणन वर्ष 2022-23 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2015 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है, जो पिछले साल से 40 रुपए अधिक है। सरकार ने इस वर्ष 60 लाख मीट्रिक टन गेंहू खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया है। गेहूं बेचने के लिए किसानों को ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा। अभी तक रबी की उपज बेचने के लिए 148383 किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को उच्च स्तरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा करते हुए एक बार फिर स्पष्ट निर्देश दिया कि गेहूं खरीद का पैसा 72 घंटे के भीतर किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया जाए। अधिकारी अपने-अपने जिलों में गेहूं उपार्जन के लिए सभी आवश्यक प्रबंध करें ताकि किसानों को कोई परेशानी न हो। क्रय केंद्रों का चयन इस प्रकार किया जाए ताकि किसानों को अपना गेहूं बेचने के लिए अधिक दूरी तय न करना पड़े। भंडारण गोदामों और क्रय केंद्रों पर गेहूं की सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। किसानों को अपनी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना चाहिए।

सीएम ने कहा कि सभी केंद्रों पर पूरी पारदर्शिता के साथ गेहूं की खरीद सीधे किसानों के माध्यम से की जाए और जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि किसानों से गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य 2015 रुपए प्रति क्विंटल से कम दर पर क्रय न किया जाय और गेहूं क्रय में विचौलियों की संलिप्तता कदापि न हो। मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों को मंडियों से फसल की समय पर उठान सुनिश्चित करने और मंडियों में किसानों के लिए सभी आवश्यक व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए। विभाग के अधिकारियों के अनुसार, अब तक 148383 से अधिक किसानों ने अपनी उपज बेचने के लिए अपना पंजीकरण कराया है। किसानों की सुविधा के लिए छह हजार में से 4593 केंद्र खोले गए हैं। पहले दिन 3980 केंद्रों पर खरीद शुरू हो गई है।

गेहूं की खरीद खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा की जाएगी, यूपी सहकारी संघ (पीसीएफ), यूपी सहकारी संघ लिमिटेड (पीसीयू), मंडी परिषद, यूपी उपभोक्ता सहकारी संघ (यूपीएस), एसएफसी और बीएफसी को खरीद संस्थानों के रूप में नामित किया गया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत गेहूं की खरीद जमीनी स्तर पर किसानों को लाभान्वित करने के लिए, यूपी सरकार ने नए उपकरणों और प्रौद्योगिकी की शुरुआत की है, जिससे किसानों को उनकी उपज का एमएसपी से कम रेट न मिले। खरीद केंद्रों पर ई-पॉप के माध्यम से किसानों या उनके अधिकृत प्रतिनिधि के बायोमेट्रिक सत्यापन के आधार पर की जा रही है।