बदायूं में गलत नाम के आधारकार्ड को वायरल करने के मामले में बीएसए डॉ. महेंद्र प्रताप सिंह ने सहायक अध्यापिका एकता वार्ष्णेय को सस्पेंड कर दिया है। अफसरों का कहना है कि आधार में अगर बच्ची की नाम गलत भी था तो उसे संशोधित कराया जा सकता था, लेकिन भला सोशल मीडिया पर वायरल करने का अधिकार सहायक अध्यापिका को किसने दिया।
बिल्सी इलाके के गांव रायपुर मजरा में रहने वाली मधु नाम की महिला दो अप्रैल को अपनी बेटी के दाखिले के लिए गांव के प्राथमिक विद्यालय में गई थी। मधु ने बच्ची का आधार दिखाया तो उस पर नाम के स्थान पर लिखा था मधु का पांचवां बच्चा। नतीजतन वह स्कूल में उपहास का पात्र बनकर रह गई। शिक्षा महकमे के जिम्मेदारों का दावा है कि बच्ची का दाखिला कर लिया गया था और आधार को संशोधित कराने का सुझाव भी दिया गया।
सोशल मीडिया पर हुआ वायरल
इधर, आधारकार्ड सोशल मीडिया पर इतना वायरल हुआ कि मामला शासन तक पहुंच गया और अफसरों की जवाबदेही बन गई। आनन-फानन में मामले की जांच बैठाई गई। इधर, बच्ची के परिजनों का कहना था कि एडमिशन हो गया है और वे संतुष्ट हैं।
अब हुई कार्रवाई
बीएसए ने इस मामले की जांच खंड शिक्षा अधिकारी को मामले की जांच करने का निर्देश दिया। जांच में पता लगा कि सहायक अध्यापिका की हरकत से यह मामला तूल पकड़ गया। बीएसए ने बताया कि सहायक अध्यापिका को निलंबित कर दिया है। शासन को भी पूरी स्थिति से अवगत कराया जाएगा।