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लखनऊ: ‘डॉक्टर ने हाथ तक नहीं लगाया…’ राजभवन के पास सड़क पर बेटी को जन्म देने वाली महिला के पति ने सुनाई आपबीती

दोपहर का समय, चलती सड़क और सड़क किनारे एम्बुलेंस के अभाव में दर्द से तड़पती एक प्रेग्नेंट महिला… रविवार को ये मंजर देखने को मिला यूपी की राजधानी लखनऊ में ये वो इलाका हो जहां से प्रदेश के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक का बंगला कुछ ही दूरी पर है. राजभवन भी बगल में है. लेकिन बदकिस्मती देखिए इस वीवीआईपी माने जाने वाले एरिया में लेबर पेन से तड़प रही महिला को समय पर एक अदद एम्बुलेंस तक नहीं नसीब हुई. राह चलती महिलाओं ने सड़क किनारे साड़ी से पर्दा कर उसकी डिलीवरी करवाई, लेकिन नवजात को नहीं बचाया जा सका.

जिस बच्चे के जन्म पर मां-बाप खुशियां मनाने की तैयारी कर रहे थे, एक पल में ही उनके सारे अरमान चकनाचूर गए. उनपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. उस बाप के गम का अंदाजा कौन लगाएगा जिसने अपने हाथों से नवजात को दफनाया हो. शायद ये दर्दसब्जी का ठेला लगाने वाले ब्रजेश कुमार सोनी और उनकी पत्नी रूपा ही समझ सकती हैं, जिन्होंने अपने बच्चे को खोया है.

गरीब की कोई नहीं सुनता: ब्रजेश सोनी
बता दें कि ब्रजेश सोनी माल एवेन्यू क्षेत्र में चार बच्चों और पत्नी संग एक किराये के घर में रहता है. रोजी-रोटी के लिए कभी वह मजदूरी करता है तो कभी सब्जी का ठेला लगाता है. ‘आजतक’ से उसने अपनी आपबीती बताई है. बकौल, बृजेश सोनी- लेबर पेन होने पर पत्नी को पास के श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल ले जाने लगा लेकिन रास्ते में दर्द और बढ़ गया. आखिर में सड़क पर ही स्थानीय महिलाओं की मदद से प्रीमैच्योर डिलीवरी हुई.

बृजेश ने कहा- मेरे लिए कोई भी सरकारी नंबर बेमानी है. गरीब की कोई अधिकारी नहीं सुनता. आखिर, कहां फरियाद करें. जैसे सरकार जनसंख्या गणना करती हैं, वोटर लिस्ट बनवाती है, वैसे ही अगर एक अधिकारी को हर मोहल्ले की जिम्मेदारी दी जाए तो वह जान पाएगा कि कौन सा गरीब परिवार कैसे रह रहा है. तभी हमें सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा नहीं तो सब बेमानी है.

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सख्त कार्रवाई का आदेश दिया
इस बीच मामले में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है. उन्होंने समय पर एम्बुलेंस के न पहुंचने संबंधित मामले को लेकर जांच के निर्देश दिए हैं. इससे पहले मृत बच्चे का अंतिम संस्कार कराने के लिए वो खुद श्मशान घाट तक गए. अस्पताल पहुंच कर पीड़ित के परिजनों से भी मुलाकात की.

अखिलेश यादव का हमला
हालांकि, विपक्ष प्रदेश सरकार को बख्शने के मूड में नहीं है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने वीडियो शेयर करते हुए ट्विटर पर लिखा- “एक तो उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ, उस पर राजभवन के सामने… फिर भी एम्बुलेंस के न पहुंचने की वजह से एक गर्भवती महिला को सड़क पर शिशु को जन्म देना पड़ा. मुख्यमंत्री जी इस पर कुछ बोलना चाहेंगे या कहेंगे कि हमारी भाजपाई राजनीति के लिए बुलडोजर जरूरी है, जनता के लिए एम्बुलेंस नहीं.”

अखिलेश यादव ने जो वीडियो शेयर किया है, उसमें दिखाया गया है कि कैसे सड़क किनारे साड़ी का पर्दा बनाकर कुछ महिलाएं मिलकर एक महिला की डिलीवरी में मदद कर रही है. बगल में ही रिक्शा खड़ा है. बताया जा रहा है कि प्रेग्नेंट महिला एम्बुलेंस आने में देरी के चलते रिक्शे से अस्पताल जा रही थी. इसी दौरान उसे लेबर पेन शुरू हो गया. जिसके बाद रिक्शा को रोक सड़क किनारे ही उसकी डिलीवरी कराई गई. लेकिन बच्चे को नहीं बचाया जा सका.

शिवपाल यादव ने साधा निशाना
सपा नेता शिवपाल यादव ने भी इस घटना का वीडियो ट्वीट करते हुए राज्य सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने लिखा- “सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था अपने लाख विज्ञापनों और दावों के बावजूद वेंटिलेटर पर है. एम्बुलेंस न मिलने पर रिक्शे से अस्पताल जा रही गर्भवती महिला को राजभवन के पास सड़क पर प्रसव के लिए मजबूर होना पड़े तो यह पूरी व्यवस्था के लिए शर्मनाक है और सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था की असल हकीकत है.” बता दें कि यूपी कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल ने भी ट्वीट कर योगी सरकार पर तीखा हमला बोला है.

यूपी के स्वास्थ्य मंत्री ने क्या कहा?
बीते दिन हुई इस घटना की जानकारी मिलते ही डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक खुद अस्पताल पहुंचे. उन्होंने महिला के परिवार वालों को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया. डिप्टी सीएम ने मामले की जांच का भी आदेश दिया है. परिवार से मिलने के बाद उन्होंने मीडिया को बताया- “सभी बहनों को अच्छा इलाज मिले हमारी जिम्मेदारी है. हमने सोशल मीडिया पर देखा कि एम्बुलेंस सही समय पर नहीं पहुंचने की बात हो रही है. यह घटना किन परिस्थितियों में हुई इसकी जांच की जा रही है. जांच में किसी की भी जरा सी लापरवाही पाई गई तो उस पर कड़ी कार्रवाई होगी.”

 

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