रक्षा बंधन के बाद हर कोई ये पूछ रहा है कि, जन्माष्टमी कब है? तो इसको लेकर लोग अलग अलग जवाब दे रहे हैं। कोई बोल रहा है कि 6 सितंबर को जन्माष्टमी तो कुछ लोगों का कहना है कि 7 सितंबर को जन्माष्टमी है। हालांकि आपको बता दें कि जन्माष्टमी 7 सितंबर को मनाई जाएगी। सुप्रसिद्ध श्रीबांकेबिहारी मंदिर समेत अन्य मंदिरों में कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा। जिसको लेकर तैयारियां भी शुरू हो चुकी है। वैसे कई जगहों और राज्यों में इसे धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन उत्तर प्रदेश के वृंदावन और मथुरा में भव्य तरीके से मनाया जाता है। जन्माष्टमी को लेकर मंदिरों में होने वाले महाभिषेक और कार्यक्रमों पर मंथन तथा जन्माष्टमी पर लगने वाला विशेष भोग और ठाकुरजी की पोशाक भी तैयार हो रही है। वृंदावन के मंदिरों से लेकर घरों तक की इसकी तैयारी जोरों शोरों से की जा रही है।
ठा. बांकेबिहारी मंदिर
ठा. बांकेबिहारी मंदिर 7 सितंबर को मध्य रात्रि करीब 12 बजे ठाकुरजी जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। इसके बाद आरती होगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साल में एक बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर प्रभु बांकेबिहारी की मंगला आरती होती है।
ठाकुर राधादामोदर मंदिर
ठाकुर राधादामोदर मंदिर में सात सितंबर को दिन में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। इसके बाद आरती होगी और भगवान को भोग लगाया जाएगा। इस मंदिर में भगवान का जन्म काफी भव्य तरीके से मनाया जाता है। यहां पर आप भगवान के दर्शन के लिए जा सकते है।
राधारमण मंदिर
राधारमण मंदिर में सात सितंबर को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। दोपहर एक से दो बजे, शाम साढे़ पांच बजे से रात्रि दस बजे तक भक्तों को दर्शन कर सकेंगे। देंगे। दूसरे दिन नंदोत्सव मनाया जाएगा।
इस्कॉन मंदिर
श्रीकृष्ण बलराम मंदिर इस्कॉन में भी जन्माष्टमी सात सितंबर को पारंपरिक ढंग से मनाई जाएगी। रात्रि को 10 बजे से 12 बजे तक ठाकुरजी का पंचामृत से महाभिषेक होगा। अगले दिन नंदोत्सव मनाया जाएगा।