उत्तर प्रदेश के अमेठी (Amethi) जनपद में सामूहिक हत्याकांड के बाद FIR दर्ज की गई थी। जिसमे प्रधान आशा तिवारी, उनके पति रमा शंकर तिवारी और पुत्र नितिन तिवारी को नामजद मुल्ज़िम बनाया गया था। लेकिन अब करीब 18 महीने बाद सामूहिक हत्याकांड में नया मोड़ आया है। अदालत ने प्रधान पति राम शंकर तिवारी को क्लीन चिट दी है। वहीं प्रधान आशा तिवारी और उनके बेटे नितिन तिवारी को बड़ी राहत मिली है।
दरअसल 15 मार्च 2022 को अमेठी कोतवाली इलाके के राजापुर गुगवांछ गांव में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या हुई थी। यूं कहे कि, दो परिवारों के बीच जमीनी विवाद में खूनी संघर्ष हुआ था। खूनी संघर्ष में एक परिवार चार सदस्यों की हत्या से उत्तर प्रदेश में कोहराम मच गया था। पीड़ित परिवार ने सात लोगों के खिलाफ समुहिक हत्या का नामजद मुकदमा दर्ज करवाया था।
क्रिमिनल अधिवक्ता संतोष पांडेय ने बताया कि, सामूहिक हत्याकांड में प्रधान आशा तिवारी, उनके पति राम शंकर तिवारी और पुत्र नितिन तिवारी की नामजदगी गलत है। पुलिस को भी इन तीनों के खिलाफ कोई सबूत नही मिला। लिहाजा अदालत ने प्रधान पति राम शंकर तिवारी को क्लीन चिट दे दी। हाई कोर्ट ने प्रधान आशा तिवारी, उनके पुत्र नितिन तिवारी के मामले में भी जनपद न्यायालय सुल्तानपुर को डायरेक्शन दिया है।
वहीं अदालत के फैसले पर प्रधान आशा तिवारी ने खुशी जताई। प्रधान आशा तिवारी ने कहा कि, राजनीति के चक्कर में उन्हे और उनके परिवार को फंसाया गया। पति को क्लीन चिट मिल गई है, उम्मीद है कि, मुझे और मेरे बेटे को भी जल्द क्लीन चिट मिल जाएगी।
किस तरह राजनीति के चक्कर में बेगुनाह लोगों को भी हत्या जैसे संगीन मामलों में लपेट दिया जाता है। फिलहाल प्रधान आशा तिवारी और उनके परिवारवालें खुश नसीब है। जिन्हें साजिश की मामूली कीमत चुकानी पड़ी। वैसे न जाने कितने लोग खुद को बेगुनाह साबित ही नही कर पाते और उनकी जिंदगी का लम्बा अरसा जेल में ही गुजर जाता है।
ब्यूरो रिपोर्ट NTTv bharat