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Amethi: कौन थी वो महिला जिसकी मौत पर मचा बवाल? बंद हो गया संजय गांधी अस्पताल

अमेठी और आस-पास के क्षेत्रों में सस्ते और बेहतर इलाज के लिए पहचाने जाने वाले संजय गांधी हॉस्पिटल को बंद कर दिया गया है. हॉस्पिटल के गेट पर प्रशासन ने ताला डाल दिया है. जब ताला डाला गया तो अंदर जिन मरीजों का इलाज चल रहा था उन्हें भी निकाल दिया गया है. इस खबर के बाद आपके जेहन में यह सवाल जरूर आएगा कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि इतना पुराना हॉस्पिटल यूं ही बंद कर दिया गया.

आपकों बता दें कि एक मरीज के इलाज में लापरवाही का आरोप हॉस्पिटल के स्टाफ पर लगा है. दरअसल पिछले गुरुवार को मुसाफिरखाना के रामशहपुर गांव के रहने वाले अनुज शुक्ला की पत्नी दिव्या की तबीयत काफी दिनों से खराब चल रही थी. उनके पेट में दर्द उठ रहा था जिसके बाद वह मुंशीगंज थाना के संजय गांधी हॉस्पिटल में पत्नी को लेकर आए. जब हॉस्पिटल के अंदर डॉक्टर्स ने उनकी पत्नी दिव्या शुक्ला की जांच की तो पेट में स्टोन (पथरी) सामने आई.

स्टोन होने की वजह से डॉक्टर्स ने उन्हें ऑपरेशन की सलाह दी. जब दिव्या का ऑपरेशन किया जाना था तो उन्हें हॉस्पिटल में एनेस्थीसिया (बेहोशी का इंजेक्शन) दिया गया. बस इस इंजेक्शन का कुछ ऐसा असर हुआ कि दिव्या फिर होश में ही नहीं आ पाई. इंजेक्शन के असर से वह कोमा में चली गईं. जब उनकी हालत बिगड़ तो संजय गांधी हॉस्पिटल से उन्हें लखनऊ मेदांता रेफर कर दिया गया. दिव्या को एंबुलेंस में लेकर उनके परिजन लखनऊ मेदांता पहुंचे और उन्हें एडमिट किया.

लखनऊ मेंदांता में दिव्या की इलाज के दौरान मौत हो गई. बस यहीं से परिजनों का गुस्सा संजय गांधी हॉस्पिटल पर फूट पड़ा. परिजनों ने महिला का शव लेकर वापस अमेठी पहुंचे और संजय गांधी हॉस्पिटल के पास रखकर प्रदर्शन किया. इसके बाद दिव्या के परिजनों ने स्वास्थ्य के सामने दो मांगे रखी. उन्होंने कहा कि पहली तो हॉस्पिटल पर कार्रवाई होनी चाहिए, दूसरे मृतका महिला के बच्चे के नाम पर 1 करोड़ रुपये सहायता राशि दी जानी चाहिए. जिला प्रशासन ने पीड़ित परिवार की शिकायत पर चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

इस हंगामे और बवाल के बाद ही संजय गांधी हॉस्पिटल के लिए प्रशासन ने जवाब के लिए नोटिश भेजा था. नोटिस भेजने के 48 घंटों के अंदर ही प्रशासन ने हॉस्पिटल को बंद करने की निर्णय लिया और गेट पर ताला लगाकर नोटिस लगा दिया गया है. वहीं जिन मरीजों का इलाज किया रहा था उन्हें भी बीच में ही हॉस्पिटल के भवन से बाहर कर दिया गया है.

 

 

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