उत्तर प्रदेश में इन दिनों जिला सुल्तानपुर सुर्खियों में बना हुआ है। इसकी चर्चा राजनीतिक गलियारें में भी हो रही है। बात ये है कि शनिवार 23 सितंबर को सुल्तानपुर में घनश्याम तिवारी नाम के डॉक्टर की पीट पीटकर हत्या कर दी जाती है। जब इस हत्याकांड की जानकारी पूरे गांव में फैलती हैं तो चारों तरफ सनसनी फैल जाती हैं। डॉक्टर की पत्नी निशा का रो रोकर बुरा हाल है वो पुलिस से और सरकार से न्याय की गुहार लगाती है। लेकिन डॉक्टर घनश्याम तिवारी हत्यांकड का मुख्य आरोपी अजय नारायण 3 दिन बाद भी फरार है। हालांकि पुलिस मुख्य आरोपी की तलाश कर रही है। बता दें कि अजय नारायण जगदीश नारायण का बेटा है, जो हिस्ट्रीशीटर है और उस पर साल 2013 में नारायणपुर गांव के पास 32 गधों को जिंदा कटवाने का आरोप भी है। डॉक्टर घनश्याम तिवारी हत्याकांड के बारे में आज हम आपको अपने इस लेख में वो जानकारी बताने जा रहे हैं जिसके बारे में शायद आपको इससे पहले ना पता हो।
क्या है पूरा मामला
डॉक्टर घनश्याम तिवारी सुल्तानपुर में अपने सपनों का आशियाना बनाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने एक जमीन पसंद की। जमीन जगदीश नारायण की थी। जमीन को उन्होंने अपनी पत्नी निशा को दिखाया, निशा को जमीन पसंद आई लेकिन उनको जमीन थोड़ी छोटी लग रही थी। जिसके बाद डॉक्टर घनश्याम तिवारी ने उसके बगल वाला प्लॉट भी खरीदने का मन बना लिया। पूरी जमीन का सौदा 50 रूपए में तय कर लिया गया। जमीन के सौदे के बीच जगदीश नारायण का बेटा अजय नारायण आ गया। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अजय सुल्तानपुर का लैंड माफिया है। इसके अलावा उस पर कई तरह के केस भी दर्ज है। इसके अलावा साल 2013 में नारायणपुर गांव के पास 32 गधों को जिंदा कटवाने का आरोप भी है।
डॉक्टर के पैर में ड्रिल मशीन से किया छेद
जब अजय में आया तो उसने डॉक्टर घनश्याम तिवारी से पैसे मांगे। पहले तो उसने डॉक्टर से 25 हजार रूपए मांगे इसके बाद 50 हजार रूपए। जबकि डॉक्टर कुछ पूछते तो अजय नारायण हमेशा कहता कि जितना कहूं उतना करो। इससे तंग आकर एक दिन डॉक्टर ने अजय नारायण को पैसे देने से मना कर दिया। अजय नारायण को इससे इतना ज्यादा गुस्सा आ गया कि, उसने डॉक्टर को करीब 2 घंटे तक लगातार पीटता रहा। जब पीटकर नहीं भरा मन तो उसने क्रूरता की सारी हदें पार कर दी। अजय नारायण ने डॉक्टर के पैर में ड्रिल मशीन से छेद कर दिया। हाथ पैर की हड्डियां तोड़ दी। अजय ने डॉक्टर को इतना ज्यादा पीटा कि कुछ ही देर में घनश्याम तिवारी ने दम तोड़ दिया।
सुल्तानपुर में खूब हंगामा
डॉक्टर की हत्या के बाद पूरे सुल्तानपुर में खूब हंगामा हो रहा है। डॉक्टर घनश्याम तिवारी की पत्नी निशा का रो रोकर बुरा हाल है। डॉक्टर का बेटा अपने पिता को याद कर रो रहा है। मृतक के परिवार वाले मुआवेज की मांग कर रहे है। प्रशासन की तरफ से आरोपी अजय नारायण की कई संपत्तियों पर बुलडोजर कार्रवाई हो चुकी है और बाकी कार्रवाई की जा रही है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मुख्य आरोपी अजय नारायण राजनीतिक कनेकशन है और पूरे गांव में उसके दबंगई है।
सुल्तानपुर जिले के सखौनी गांव से ताल्लुक रखते हैं डॉ. घनश्याम तिवारी
डॉ. घनश्याम तिवारी सुल्तानपुर जिले के सखौनी गांव से ताल्लुक रखते हैं। वो अपने 6 भाइयों में चौथे नंबर पर थे। उन्होंने डॉक्टरी की पढ़ाई की और फिर नौकरी करने लगे। इसे बाद उनकी पहली पोस्टिंग फैजाबाद में हुई। साल 2017 में उनका ट्रांसफर सुल्तानपुर हो गया। इसके बाद वो यही रहने लगे। इसके करीब 3 साल बाद उनका ट्रांसफर जयसिंहपुर सीएचसी मे बतौर सविंदा डॉक्टर नियुक्ति हुई। शास्त्री नगर में डॉक्टर घनश्याम तिवारी अपनी पत्नी और बेटे के साथ किराए पर रहते थे।
अपना घर बनवाना चाहते थे डॉक्टर
डॉक्टर अपना खुद का घर चाहते थे जिसकी वजह से उन्होंने अपनी आय पर ज्यादा फोकस किया। इसी दौरान उनकी मुलाकात नारायणपुर के जगदीश नारायण सिंह से हुई। जो प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते है और इसके अलावा उनका पूरा परिवार राजनीति की दुनिया से ताल्लुक रखता है। जगदीश नारायण के भाई बब्बन बीजेपी के जिलाध्याक्ष रह चुके हैं। एक दूसरे भाई के लड़के चंदन सिंह इस वक्त भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष हैं।
जगदीश नारायण को 25 लाख रूपए देकर डॉक्टर ने एक प्लॉट बुक कर लिया जो करीब एक बिस्वा था। इसके बाद उनकी पत्नी निशा ने कहा कि जिस तरह का घर बनवाने की सोच रहे है उसके हिसाब से जमीन छोटी है। इसके बाद डॉक्टर ने जगदीश से बगल वाला प्लॉट भी खरीद लिया। पैसा चुका दिया गया था। लेकिन जब बात कब्जे की आई तो बीच में जगदीश का बेटा अजय नारायण आ गया।
जमीन पर कब्जा करने की बात आई तो अजय ने कहा कि जमीन पर कब्जा नहीं मिलेगा पहले कुछ खर्च दीजिए। डॉक्टर ने अजय को 25 हजार दे दिया। लेकिन जब अजय नारायण ने फिर 50 हजार मांगे तो डॉक्टर ने देने से मना कर दिया। इसी को लेकर अजय को इतना गुस्सा आया कि उसने तय कर लिया कि वो इसका बदला लेकर रहेगा।
पीट पीटकर अधमरा कर दिया
इसके बाद अजय ने डॉक्टर को मिलने बुलाया और इसी दौरान मौका पाकर उसने खूब पीटा। पीट पीटकर अध मरा कर दिया। मारते-मारते हाथ दो जगह से तोड़ दिया। पीटने से मन नहीं भरा तो उसने ड्रिल मशीन से डॉक्टर के पैरों में छेद किया और अधमरा कर दिया। किसी तरह से वो अपने घर ई रिक्शे की मदद से पहुंची। इस अवस्था में उनको देखकर पत्नी की चीख निकल गई। आस पास के लोग इक्ट्ठा हो गए। आनन फानन में डॉक्टर को अस्पताल ले जाया गया जहां पर उन्होंने दम तोड़ दिया। इसके बाद पत्नी निशा बेसुध अवस्था में चली गई।
पुलिस के उड़े होश
इस केस की जांच करने पहुंची पुलिस तो उसके भी होश उड़ गए। तुरंत केस दर्ज हुआ और गिरफ्तारी के लिए अजय नारायण को खोजबीन शुरू हुई। अजय नारायण को लेकर इलाके के लोगों का कहना है कि वो बहुत ही क्रूर स्वाभाव का है। उसका मुख्य काम ब्याज पर पैसा देना था। जो उसका पैसा नहीं देता वो उससे बेहद क्रूरता से निपटता था। गांव की सरकारी जमीन पर उसने मैरिज हॉल बनवाया था, यहां पर ही उसने एक टॉर्चर रूप बनवाया था। यहां पर वो लोगों से निर्ममता करता था।
3 दिन बाद भी आरोपी फरार
डॉक्टर हत्याकांड मामले में अजय नारायण के अलावा भाजयुमो जिलाध्यक्ष चंदन नारायण, जगदीश नारायण, गिरीश नारायण, विजय नारायण समेत चार अन्य अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। हत्याकांड के 3 दिन बाद भी आरोपी फरार है उसका कोई पता नहीं है।
इस मामले पर सुल्तानपुर SP सोमेन वर्मा ने बताया कि, ‘आरोपी अजय और उसके साथियों तक पहुंचने के लिए पुलिस ने 3 से 4 लोगों को हिरासत में लिया है। साथ ही जिस ई-रिक्शा से हत्यारोपी ने डॉक्टर को घर भेजा था। उसे ट्रेस कर लिया गया है। चालक को पुलिस कस्टडी में रखकर उससे पूछताछ की जा रही है। अजय ने नगर पालिका क्षेत्र की 3 जगहों पर अवैध कब्जा किया था, जिसे चिह्नित करके ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई है।’
मृतक डॉक्टर के परिवार की मांग
बता दें कि मृतक डॉक्टर के परिवार की तरफ से प्रशासन से मंग की गई है। जिसमे एक करोड़ रुपए मुआवजा, पत्नी को नौकरी, खरीदी गई जमीन पर तुरंत कब्जा, शस्त्र लाइसेंस की सुविधा, आरोपियों की गिरफ्तारी और बुलडोजर की कार्रवाई शामिल है। इस मांग पर सुल्तानपुर के डीएम जसजीत कौन ने सहमति जताई और कागजात पर दस्तखत भी किया।
इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश की सियासत भी गरम हो गई है। विपक्षी पार्टियां लगातार हमला कर रही है। हालांकि अब ये देखना है कि मुख्य आरोपी अजय नारायण कब तक गिरफ्तार होता है।