Pratapgarh News: प्रतापगढ़ के कुंडा में बलीपुर गांव है। 2 मार्च, साल 2013, शाम साढ़े 7 बजे प्रधान नन्हें यादव एक विवादित जमीन के सामने बनी फूस झोपड़ी में मजदूरों से बात कर रहे थे। दो बाइक सवार बदमाशों ने नन्हें यादव की हत्या करके भाग गए। इसके बाद नन्हें यादव के समर्थक बलीपुर गांव पहुंचे। रात सवा 8 बजे कामता पाल के घर में आग लगा दी। तभी कुंडा के कोतवाल सर्वेश मिश्र अपनी टीम के साथ पहुंचे, लेकिन लोगों के आक्रोश को देखते हुए सर्वेश मिश्र नन्हें यादव के घर की तरफ जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए।
कुंडा सीओ जिया-उल-हक की हत्या कर दी थी
उसी समय सीओ जिया-उल-हक गांव में पीछे के रास्ते से नन्हें यादव के घर की तरफ बढ़े। गांव वाले फायरिंग कर रहे थे। सीओ की सुरक्षा में लगे गनर इमरान और एसएसआई कुंडा विनय कुमार सिंह खेत में छिप गए। जिया-उल-हक गांव में पहुंचे तो ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया। इसी दौरान गोली चली और प्रधान नन्हें यादव के छोटे भाई सुरेश यादव की मौत हो गई। इसके बाद सीओ जिया-उल-हक की हत्या कर दी। रात 11 बजे भारी पुलिस बल बलीपुर गांव पहुंचा। सीओ जिया-उल-हक की तलाश शुरू की। करीब आधे घंटे बाद सीओ जिया-उल-हक की लाश प्रधान के घर के पीछे सड़क पर मिला।
सीओ जिया-उल-हक हत्याकांड में राजा भैया का नाम आया था
सीओ जिया-उल-हक हत्या का आरोप राजा भैया और उनके करीबी गुलशन यादव सहित कई लोगों पर लगा। बलीपुर गांव में हुए तिहरे हत्याकांड में कुल चार एफआईआर दर्ज कराई गई थी। आखिरी में सीओ जिया-उल-हक की पत्नी परवीन ने केस दर्ज कराया था। इसमें पांच आरोपी बनाए गए थे। रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया, गुलशन यादव, रोहित सिंह, संजय सिंह उर्फ गुड्डू और हरिओर श्रीवास्तव के नाम FIR दर्ज हुई।
सीबीआई राजा भैया को दे चुकी क्लीनचिट
तत्कालीन अखिलेश यादव की सरकार ने सीओ जिया-उल-हक हत्याकांड की जांच CBI को दे दी गई थी। सीओ जिया-उल-हक की पत्नी परवीन आजाद की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर पर सीबीआई ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट 2013 में ही दे दी थी। सीबीआई ने राजा भैया, गुलशन यादव, रोहित सिंह, संजय सिंह उर्फ गुड्डू और हरिओर श्रीवास्तव को क्लीनचिट दे दिया था।
इसके खिलाफ सीओ जिया-उल-हक की पत्नी परवीन आजाद कोर्ट चली गईं थी। लखनऊ की CBI कोर्ट के स्पेशल न्यायिक मैजिस्ट्रेट ने सीबीआई की इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। मामले की जांच को अगे बढ़ाने के आदेश दिए थे। सीबीआई स्पेशल कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्पेशल कोर्ट के आदेश को निरस्त कर दिया।
इसके बाद सीओ जिया-उल-हक की पत्नी सुप्रीम कोर्ट पहुंची। मंगलवार यानी 26 सितंबर को जस्टिस अनिरुद्ध बोस और बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया है।