महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी के करीबियों के ठिकानों पर इनकम टैक्स विभाग की छापेमारी में बड़ा खुलासा हुआ है. इस छापेमारी में 200 से अधिक बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज हाथ लगे हैं. इन बेनामी संपत्तियों में नोटबंदी के दौरान कई बड़े नेताओं का कालाधन खपाया गया है. इस तरह की ज्यादातर संपत्तियां बनारस और मुंबई में हैं. चूंकि मामला हाई प्रोफाइल है, इसलिए फिलहाल इनकम टैक्स विभाग किसी भी तरह का आधिकारिक बयान देने से भरसक परहेज कर रहा है.
हालांकि विभागीय सूत्रों ने बताया कि पिछले दिनों सपा नेता अबू आजमी और उनके करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी हुई थी. इस छापेमारी में करीब 200 से अधिक बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं. इन दस्तावेजों की जांच में पता चला है कि यह सारी संपत्तियां नोटबंदी के दौरान खरीदी गईं. वहीं, और गहराई में जांच हुई तो पता चला कि यह सारी संपत्तियां अबू आजमी के भरोसेमंद लोगों के नाम से कई बड़े नेताओं ने खरीदी हैं.
अब आयकर विभाग की टीम संपत्ति खरीदने वाले उन नेताओं की कुंडली खंगालने में जुटी है. आयकर विभाग के मुताबिक नोटबंदी के दौरान तमाम राजनेताओं ने अपनी काली कमाई को रियल एस्टेट में खपाया था. इसके लिए इन राजनेताओं ने अबू आजमी की मदद ली और उनके भरोसेमंद लोगों के नाम से संपत्तियां खरीद लीं.
इस संबंध में पुख्ता इनपुट मिलने पर विभागीय अधिकारी मुंबई के अलावा वाराणसी और लखनऊ स्थित दो दर्जन से अधिक ठिकानों पर छानबीन कर रहे हैं. मुंबई और बनारस में हुई इन संपत्तियों की खरीद फरोख्त में अबू आजमी के अलावा गणेश गुप्ता की मदद ली गई. आयकर विभाग के निशाने पर अब आजमगढ़ और बनारस के कुछ करीबी भी हैं. इनकी जांच चल रही है.