भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक देव मणि द्विवेदी जैसे कद्दावर ब्राह्मण नेता डॉ. घनश्याम त्रिपाठी हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त अजय नारायण सिंह को मिट्टी में मिलाने दावा करते रह गए लेकिन पुलिस ने गुप चुप अजय नारयण को जिला कारागार पहुंचा दिया। डॉ. त्रिपाठी हत्याकांड में ब्राह्मण नेताओं का दांव उल्टा पड़ गया। चारों खाने चित्त हो गए, ऐसा गियर लगा की सबकी बोलती बंद हो गई।
आपको बता दें कि, डॉ त्रिपाठी हत्याकांड की गूंज सुल्तानपुर से लखनऊ तक थी। भाजपा के ब्राह्मण नेताओं ने सर्वदलीय श्रद्धांजलि सभा कर मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ पर अजय नारायण सिंह को मिट्टी में मिलाने के लिए दबाव भी बनाया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी की। मगर भाजपा नेताओं के दबाव की उस वक्त हवा निकल गई जब मंगलवार को 50 हजार के इनामी अजय नारायण सिंह ने खुद आत्म समर्पण कर दिया। मंगलवार को तमाम आशंकाएं धरी रह गई जब सुल्तानपुर पुलिस ने अजय नारायण और उसके ड्राइवर दीपक सिंह को सकुशल अदालत में पेश कर जेल भेज दिया।
आपको बता दें कि, डॉ त्रिपाठी हत्याकांड का मुख्य अभियुक्त अजय नारायण सिंह दिग्गज भाजपा नेता गिरीश नारायण उर्फ़ बब्बन सिंह का भतीजा है। बब्बन सिंह की भाजपा में हैसियत का अंदाजा इन तस्वीरों को देख कर लगा सकते है। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ हो या फिर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सबके चहेते है चाचा बब्बन सिंह। ऐसे में आखिर कौन है जो बब्बन सिंह के भतीजे अजय नारायण को मिट्टी में मिला सके। अलबत्ता भाजपा में अब उनकी क्लास शुरु है, जो मिट्टी में मिलाने का दावा कर रहे थे। अब उन्हीं पर भाजपा को मिट्टी में मिलाने का इल्जाम लग रहा है।
इल्जाम है डॉ त्रिपाठी हत्याकांड में ब्राह्मण बनाम ठाकुर सियासत को हवा देकर भाजपा की छिछा-लेदर करने का। वहीं अगर अजय नारायण की क्रिमिनल हिस्ट्री पर नजर डाले तो वो भी चौकाने वाली है। पुलिस रिकार्ड के अनुसार शुरुवाती दौर में अजय नारायण सिंह ने चोरी चकारी करता था। साल 2012 में अजय नारायण पर मुकदमा दर्ज हुआ था चोरी का जबकी पहला मुकदमा कोतवाली नगर में घर में घुस कर मारपीट का था।
2013 में अजय नारायण गधों की हत्याओं को लेकर सुर्खियों में था। लेकिन जुगाड़ और पहुंच के बल पर वो बच गया। अजय नारायण पर अब नौ मुक़दमे दर्ज है। जिसमें 5 मुकदमे हाल फिलहाल के है। वहीं अजय नारायण सिंह के साथ गिरफ्तार दीपक सिंह को लेकर भी बड़ा खुलासा हुआ है। दीपक सिंह सुल्तानपुर जनपद के धनपतगंज इलाके के चर्चित मायंग गांव का रहने वाला है। दीपक सिंह की क्रिमिनल हिस्ट्री मामूली है। साल 2020 में दीपक के खिलाफ पहला मुकदमा मारपीट का दर्ज हुआ था, अब डॉ त्रिपाठी हत्याकांड का दर्ज हुआ है।
ब्यूरो रिपोर्ट nttv bharat