Sultanpur डॉ धनश्याम त्रिपाठी हत्याकांड में नया मोड़ आया है। योगी सरकार पर वादा खिलाफी का इल्जाम लगाते हुए पीड़िता निशा त्रिपाठी ने दस लाख रुपये की सरकारी इमदाद वापस करने का फैसला लिया है। निशा त्रिपाठी के यू टर्न से डॉ त्रिपाठी हत्याकांड में भाजपा की रणनीति पर संकट छाने लगा है। इन सबके बीच निशा त्रिपाठी को दिया गया लिखित आश्वासन सुर्खियों में है। जिसमे 6 मांगों को पूरा करने के लिए 6 किरदारों के दस्तखत है।
6 किरदार, जिनके आश्वासन पर निशा ने किया डॉ त्रिपाठी का अंतिम संस्कार
Dr GhanShyamTripathi का अंतिम संस्कार करने को परिजन तैयार नही थे। डॉ त्रिपाठी की हत्या का मुद्दा समाजवादी पार्टी ने लपक लिया था, जिसपर भाजपा के नेताओं और तत्कालीन डीएम जसजीत कौर ने 6 मांगों पर लिखित वायदा कर परिवार निशा त्रिपाठी को अंतिम संस्कार के लिए तैयार किया था। 6 मांगों में परिवार की सुरक्षा-शास्त्र लाइसेंस, जमीन पर तत्काल कब्जा, योग्यतानुसार रोजगार, एक करोड़ का मुआबजा, अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी और आरोपित के खिलाफ बुलडोजर की कार्यवाही शामिल थी। इन मांगों के पत्र पर तत्कालीन DM Jasjit Kaur ने संस्तुति सहमति लिख कर अपना दस्तखत बनाया है वहीं लम्भुआ भाजपा विधायक सीता राम वर्मा, सदर भाजपा विधायक राज बाबू उपाध्याय, पूर्व विधायक देव मणि द्विवेदी , भाजपा जिला अध्यक्ष आर ए वर्मा के साथ निशा त्रिपाठी के दस्तखत है।
ब्राह्मण समाज में जबरदस्त गुस्सा, कइयों ने की भाजपा से बगावत
दरअसल, 23 सितंबर को सुल्तानपुर में Dr GhanShayamTripathi Marder हुआ था। डॉ त्रिपाठी की हत्या का आरोप अजय नारायण सिंह है। अजय नारायण भाजपा नेता गिरीश नारायण उर्फ बब्बन सिंह का भतीजा है। डॉ त्रिपाठी हत्याकांड को लेकर सुल्तानपुर और उसके आसपास के जनपदों के ब्राह्मणों में जबरदस्त गुस्सा है। ब्राह्मण समुदाय ने बड़ी सभा कर योगी सरकार से आरोपी को नेस्तनाबूत करने की मांग की थी लेकिन मुख्य अभियुक्त अजय नारायण सिंह ने मैनेजमेंट करके पुलिस के सामने आत्म समर्पण कर दिया और इस वक्त जेल में है।
निशा त्रिपाठी ने सांसद मेनका गांधी को सुनाई खरी-खरी
12 अक्टूबर को सुल्तानपुर सांसद मेनका गांधी डॉ त्रिपाठी के पैतृक गांव सखौली कलां, लम्भुआ पहुंची, जहां उन्होंने डॉ त्रिपाठी की पत्नी निशा त्रिपाठी से मुलाकात की। इस दौरान निशा त्रिपाठी का योगी सरकार की वादा खिलाफी को लेकर गुस्सा फूट पड़ा। निशा त्रिपाठी ने कहा कि, अभी तक सिर्फ आशवासन मिला। आरोपी अजय नारायण को भी कुछ नही हुआ। पुलिस ने लीपापोती कर आरोपी का सरेंडर करवाया है, सरकारी नौकरी और एक करोड़ रुपये की मदद के वायदे पर धोखा किया गया।