Gorakhpur News: गोरखपुर। जिले में सबसे पहले एडीजी की पहल पर ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत शहर व गांव की गलियों में सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए। कई घटनाओं के खुलासे में इसकी मदद भी मिली। यही देखकर सीएम योगी आदित्यनाथ खुश हुए और इसे पूरे प्रदेश में लागू किया गया। हाल ही में सीएम ने जनसभा में बोला भी की यूपी में कैमरे ही बताएंगे कि अपराधी कौन है? लेकिन सीएम की यह मंशा जिले में फेल हो रही है। शहर में त्रिनेत्र के तहत लगे 90 प्रतिशत बन्द रहते है। केवल 10 प्रतिशत ही चालू रहते है। जिससे वर्तमान में अपराधियों की धरपकड़ में पुलिस को परेशानी हो रही है।
ITMS के कैमरों का भी बुरा हाल
साथ ही आइटीएमएस के कैमरों का भी बुरा हाल है। 27 चौराहों पर इसके तहत कैमरे लगे है। इसमे से केवल 7 चौराहों पर ही कैमरे चल रहे है। अब न गाडियो की स्पीद का पता चल पा रहा है न ही कोई गायब समान मिल पा रहा है। आईटीएमएस कंट्रोल रूम में काम करने वाले कर्मचारी परेशान है। वही इसके अलावा आईटी एमएस की तरफ से शहर के 8 चौराहों कूड़ाघाट, बरगदवा, कालीमंदिर, रुस्तमपुर, बेतियाहाता, पैडलगंज, छात्रसंघ सहित आठ चौराहों का प्रस्ताव भेजा गया था जो पास नही हुआ। वंहा के कर्मचारियों का मानना है कि इसके साथ ही रामनगर कडजहा फोरलेन, ट्रांस्पोर्ट नगर, कलेसर, मोहरीपुर आदि शहर के एंट्रेंस पर भी आईटी एमएस के कैमरे होने चाहिए जिससे शहर में आते ही लोगो की निगरानी हो सके। यह न होने से कर्मचारियों को काफी दिक्कत हो रही है लोगो का सामान ढूढने में।
ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत लगे कैमरे भी बने हैं शो पीस
वही त्रिनेत्र के कैमरे भी अधिकांश जगह बन्द है। जैसे कि कूड़ाघाट से रानीडीहा रोड पर लगे 45 कैमरों में से केवल 12 कैमरे ही 11 अक्टूबर की दोपहर चल रहा था वही कसया रोड पर 67 में से 17 कैमरे ही उस दिन आ थे। आपको बता दे कि त्रिनेत्र के कैमरों के डीवीआर कई जगह लोगो के घरों में लगा है जिससे उनका बिजली का बिल आ रहा है इसलिए वह अपनी मर्जी के अनुसार कैमरे बन्द कर दे रहे है। दिब्य नगर कालोनी निवासी शुभम 11 अक्टूबर को कूड़ाघाट से रानीडीहा के लिए ऑटो पकड़े। उनका बैग ऑटो में छूट गया। वह आईटीएमएस कंट्रोल रूम गए उसमें तस्वीर नही थी। फिर वह त्रिनेत्र का डीवीआर लेकर अगले दिन वंहा पहुचे तो पता चला कि 90 प्रतिशत कैमरे उस समय बन्द थे। जिससे उन्हें उनका बैग नही मिला। कागज में सारे कैमरे चल रहे है। इसी प्रकार गोरखनाथ के एक व्यक्ति क़्क़ सामान ऑटो में छूट गया। जब त्रिनेत्र दिखाया तो कैमरा बन्द था। जिसके घर के अंदर डीबीआर था वह बिजली खर्च होने के नाते बन्द कर दिया था।
थाने के कैमरे भी नही कर रहे काम
आपको बता दे कि जिले के थानों में लगे अधिकांश कैमरे वर्तमान में काम नही कर रहे है। पिपराइच इसका ताजा उदाहरण है। जंहा एक दरोगा पर पिटाई का मुकदमा हो चुका है। इस नाते एडिशनल एसपी को पत्र लिखना पड़ा कि कैमरे दुरुस्त कराए जाय।
ADG अखिल कुमार
इस सम्बंध में एडीजी अखिल कुमार का कहना है कि जानकारी नही है। जांच कराकर सभी कैमरे 24 घण्टे चालू रहे यह सुनिचित किया जाएगा। साथ ही आइटीएमएस के कैमरों को भी लगवाने के लिए विभाग से बात किया जाएगा।