अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर में बीते दिनों एक साधु की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के बाद पूरे मंदिर परिसर में हंगामा मच गया था। साधु का नाम राम सहारे दास था, जिसकी बीते शुक्रवार को चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा और अब पुलिस ने इस मामले में हैरान करने वाला खुलासा किया है। महंत का शव उनके कमरे में पुलिस को मिला था। पुलिस इस हत्याकांड की जांच कर रही थी, जिसमें अब चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस के अनुसार, साधु की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि उनके ही शिष्य ने ही की थी।
पुलिस ने बताया कि, वारदात को अंजाम देने से पहले आरोपी शिष्य ने संत निवास में लगे सीसीटीवी कैमरे को बंद कर दिया था। इसके बाद गुरु की हत्या कर मौके से 108900 रुपये लेकर फरार हो गया था। हालांकि, अयोध्या पुलिस ने 24 घंटे के अंदर ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही वारदात में शामिल चाकू और मोबाइल को भी बरामद कर लिया। पैसे भी पुलिस ने जब्त कर लिया है।
पुलिस को आरोपी ने बताया कि, गुरु के पैसे को देखकर उसकी नियत बदल गई थी। इसके साथ ही वह आश्रम की महंती का उत्तराधिकारी बनने का भी ख्वाब भी देख रहा था। इसको लेकर उसने अपने गुरु की हत्या कर दी। वारदात को अंजाम देने के लिए आरोपी ने नाबालिग छात्र को अपने साथ मिला लिया।
अयोध्या के एसपी राजकरण नयन ने बताया कि, मुख्य आरोपी अंकित दास ने नाबालिग के साथ मिलकर पूरी घटना की प्लानिंग की थी। यह तय हुआ कि, घटना को अंजाम देने के बाद नाबालिग शिष्य घटनास्थल से फरार हो जाएगा, ताकि पुलिस का पूरा शक उसी के ऊपर रहेगा। महंत की मृत्यु के बाद हनुमानगढ़ के संत परंपरा के हिसाब से अंकित दास को महंत बना दिया जाएगा। बाद में पैसे को आधा-आधा बांट लिया जाएगा। इसी प्लान के आधार पर अंकित दास ने इस घटना को अंजाम दिया।
आरोपी अंकित दास ने वारदात में इस्तेमाल किए जाने वाले चाकू को भी नाबालिग विद्यार्थी से ही खरीद कर मंगवाया था।