सनातन परंपरा में में शक्ति की पूजा सभी दुख-दुर्भाग्य को दूर करके सुख-सौभाग्य दिलाने वाली मानी गई है. यही कारण कि लोग नवरात्रि में देवी दुर्गा की पूजा पूरे विधि-विधान से करते हुए पूरे 9 दिन तक व्रत रखते हैं. देवी पूजा के दौरान कई बार कुछेक ऐसी चीजें घट जाती हैं, जिससे आदमी का मन चिंता में पड़ जाता है. मसलन यदि पूजा में चढ़ाया जाने वाला नारियल खराब निकल जाए तो उसका क्या संकेत होता है? क्या ऐसा होने पर साधक की देवी पूजा अधूरी रह जाती है? आइए नवरात्रि के दौरान दिखने वाले शुभ-अशुभ संकेतों के बारे में विस्तार से जानते हैं.
हिंदू मान्यता के अनुसार यदि देवी पूजा करते समय आपके द्वारा चढ़ाया जाने वाला नारियल फोड़ते वक्त खराब निकल जाए तो इससे बिल्कुल घबराने की जरूरत नहीं होती क्योंकि यह किसी अपशकुन का नहीं बल्कि जीवन से जुड़े किसी बड़े संंकट से उबरने का संकेत होता है, इसलिए कभी पूजा के नारियल के सूखा निकलने या फिर सड़ा निकलने पर घबराएं नहीं बल्कि देवी की कृपा पाने के लिए उनका आभार प्रकट करने के लिए बाद में एक अच्छा नारियल जरूर चढ़ाएं और प्रसाद स्वरूप अधिक से अधिक लोगों को बांटें.
हिंदू मान्यता के अनुसार यदि नवरात्रि के 9 दिनों में किसी भी दिन आपको सपने में देवी दुर्गा के दर्शन या फिर उनका पूजन आदि होता हुआ दिखाई दे तो यह शुभ संकेत होता है. मान्यता है कि मां भगवती का सपने में दर्शन किसी जीवन में होने वाले किसी शुभ या मांगलिक कार्य का संकेत होता है. देवी पूजा से जुड़े ऐसे सपनों को बड़ी मुसीबतों के जल्द दूर होने का भी संकेत माना जाता है.
हिंदू मान्यता के अनुसार यदि नवरात्रि में बोए जाने वाले जौ अच्छी तरह से कलश या मिट्टी के पात्र में उगते हैं तो इसे देवी की कृपा माना जाता है. मान्यता है कि नवरात्रि में हरे-भरे जौ उगने को भविष्य में खुशहाली और समृद्धि का संकेत माना जाता है.
यदि नवरात्रि के 9 दिन तक आपका दीपक बगेर बुझे लगातार जलता रहता है और आपकी साधना बगैर किसी बाधा के पूरी होती है तो यह आपके जीवन में सुख और सौभाग्य का संकेत है. यदि किसी कारण देवी पूजा के लिए जलाया गया दीपक बुझ जाए तो आपको माता से भूल-चूक के लिए माफी मांगते हुए दोबारा से दीपक जलाकर उनकी साधना जारी रखना चाहिए.
नवरात्रि की पूजा के दौरान यदि साधक को किसी कार्य विशेष में सफलता या फिर कोई शुभ समाचार मिले तो इसका संकेत है कि उसकी देवी पूजा सफल हुई. इसी प्रकार घर के सुख-शांति और हंसी-खुशी का माहौल भी देवी के शुभाशीर्वाद का का प्रतीक होता है.