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दिवाली में पटाखे फोड़ने के लिए सरकार की इस गाइडलाइन का करें फॉलो, नहीं तो बढ़ेगी मुसीबत

Air pollution: सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राज्यों को बढ़ते वायु प्रदूषण के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश देने के एक दिन बाद यूपी पटाखे फोड़ने, ध्वनि स्तर और आतिशबाजी के समय को सीमित करने के निर्देश जारी किए हैं।

राज्य में बेचे जाने वाले पटाखों से उत्पन्न ध्वनि 125 dB(AI) या 145 dB(C) pk से अधिक नहीं होनी चाहिए। साथ ही उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) की ओर से सभी जिलों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि दीपावली पर पटाखे फोड़ने का समय दीपावली की रात 8 बजे से 10 बजे के बीच सीमित किया जाना चाहिए।

पीपीसीबी में मुख्य पर्यावरण अधिकारी प्रदीप शर्मा ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने 2021 में पटाखों के उपयोग पर निर्देश जारी किए थे, पटाखों के निर्माण और बिक्री में बेरियम साल्ट के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिला स्तर पर सख्त अनुपालन सुनिश्चित किया जाना है।

व्यस्त यातायात के दौरान सामान्य शोर स्तर 75 डीबी है। पटाखे की आवाज 4 मीटर की दूरी से मापी जाती है।ध्वनि माप न्यूनतम 5-मीटर व्यास या समकक्ष की कठोर कंक्रीट सतह पर किया जा सकता है।

अधिकारियों ने कहा कि जिला स्तर पर प्रशासन और पुलिस विभाग पटाखों की बिक्री और उपयोग पर निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करेगा। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में पराली जलाने पर भी फोकस है। हम वायु प्रदूषण के स्तर की स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं और स्थिति के अनुसार उपाय किए जाएंगे।

अतिरिक्त मुख्य सचिव, वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मनोज सिंह ने कहा, जिला प्रशासन अपने जिले में वायु प्रदूषण के स्तर के अनुसार वायु प्रदूषण विरोधी उपायों को वर्गीकृत कार्रवाई प्रतिक्रिया योजना (जीआरएपी) को लागू और उन्नत करेगा।

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