एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट विश्व कप के महाकुंभ में अब पूर्ण आहुति का समय आ गया है और अंतिम मुकाबले में यदि भारतीय टीम अपना सर्वोच्च प्रदर्शन करती है, तो एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय विश्व कप का सर्वोच्च सिरमौर भारतीय टीम के माथे पर सुशोभित होगा। भारतीय टीम लीग मैच के अपने सभी मैच जीतते हुए सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड की टीम को हराकर के फाइनल में प्रवेश किया है। वहीं दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलिया की टीम ने कम स्कोर वाले सेमीफाइनल मैच में दक्षिण अफ्रीका को तीन विकेट से हरा करके फाइनल में प्रवेश किया है।
अब तक इस क्रिकेट महाकुंभ में कुल 47 मैच खेले जा चुके हैं और 48वां मैच फाइनल के रूप में भारत और ऑस्ट्रेलिया जैसी सशक्त टीमों के बीच में 19 नवंबर 2023 को नरेंद्र मोदी स्टेडियम अहमदाबाद में खेला जाएगा। विश्व कप के सभी 48 मैच भारत के 10 स्टेडियम में आयोजित किए गए। वनडे विश्व कप पहली बार साल 1975 में आयोजित किया गया था तब से लेकर के अब तक भारत ने सभी 13 संस्करणों में हिस्सा लिया है। क्रिकेट का सबसे बड़ा आयोजन हर 4 साल बाद किया जाता है।
भारतीय टीम ने अब तक एकदिवसीय क्रिकेट मैच का विश्व कप दो बार जीता है। पहली बार भारतीय टीम ने सन 1983 में वेस्टइंडीज को फाइनल में हरा करके विश्व कप का खिताब जीता था। 1983 में भारतीय टीम का नेतृत्व महान क्रिकेट खिलाड़ी कपिल देव ने किया था। भारत को दूसरा वनडे विश्व कप जीतने में करीब तीन दशक का समय लग गया और साल 2011 में क्रिकेट विश्व कप फाइनल में श्रीलंका को हराकर के महान कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में भारत दूसरी बार विश्व विजेता बनने में सफल रहा था।
इस बार 2023 में भारत के पास तीसरी बार वर्ल्ड कप जीतने का मौका है। 20 साल पहले 2003 में फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया भारत को हरा चुका है। अब दिलचस्प यह है कि क्या भारत 2023 में फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया को हराकर के 20 साल पुराना अपना बदला ले पाएगा या नहीं। ऑस्ट्रेलिया की टीम अब तक 8 बार वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंच चुकी है और पांच बार उसने यह ट्रॉफी अपने नाम की है। वहीं भारत चौथी बार वर्ल्ड कप का फाइनल खेल रहा है। दो बार भारतीय टीम ने यह ट्रॉफी जीती है और 2003 में वह उपविजेता बना था। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 125 रनों के भारी अंतराल से हराया था।
अगर आंकड़ों की बात करें तो एक दिवसीय क्रिकेट इतिहास में अब तक दोनों टीम में 150 वनडे मैच आपस में हो चुके हैं। जिनमे से ऑस्ट्रेलिया ने 83 मैच जीते हैं तो भारत ने 57 मैच ही जीते हैं। अगर विश्व कप की बात करें तो दोनों टीम आपस में 13 मैच खेल चुकी है और यहां पर भी ऑस्ट्रेलिया ने 8 मैच जीता है, जबकि भारत ने 5 मैच ही जीते हैं। भारत के पास इस बार सकारात्मक पक्ष यह है कि विश्व कप का आयोजन भारत में हो रहा है और भारतीय सर जमीन पर दोनों टीमों के बीच सदैव कांटे की टक्कर होती रही है।
सुकून की बात यह है कि, अगर इस साल खेले गए 7 मैचों के नतीजे को देखे तो भारतीय टीम चार मैच जीत करके मनोवैज्ञानिक रूप से ऑस्ट्रेलिया से बढ़त बनाती हुई दिख रही है। भारत के पास एक समग्र संतुलित टीम है। जिसमें वर्ल्ड क्लास के टॉप बैट्समैन, अच्छे ऑलराउंडर और अब तक की सर्वश्रेष्ठ भारतीय बॉलिंग अटैक है। कप्तान रोहित शर्मा एक शानदार फार्म में है, शुभमन गिल, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, सूर्यकुमार यादव, ईशान किशन, रविंद्र जडेजा, कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज और सर्वाधिक महत्वपूर्ण मीडियम पेशर मोहम्मद शमी के रूप में भारतीय टीम एक सशक्त इकाई प्रस्तुत कर रही है।
इस टीम ने अब तक एक इकाई के रूप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है और समस्त टीमों को पराजित करते हुए एक अपराजित टीम के रूप में फाइनल का सफर तय किया है। अगर ऑस्ट्रेलिया टीम की बात करें तो पेट कमिंस कप्तान, कैमरून ग्रीन, हेजल वुड, मिचेल मार्स, ग्लेन मैक्सवेल, स्मिथ और डेविड वार्नर जैसे बेहतरीन खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया टीम में है।
भारत के पक्ष में जो एक सकारात्मक पहलू है वह है एक नीला समंदर जो कि भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों को बहुत उत्साहित करता है और उत्साह से भरकर के प्रत्येक भारतीय टीम का खिलाड़ी अपना सर्वोच्च प्रदर्शन करता है। आने वाले 19 नवंबर को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में भारतीय टीम को आगामी शुभकामनाएं कि, वह अपना सर्वश्रेष्ठ देते हुए इस फाइनल मैच को अपने नाम करके चमचमाती हुई ट्रॉफी को उठाकर के प्रत्येक भारतवासी को एक गर्वीले भाव का अनुभव करने की सुखद अनुभूति प्रदान कर सके।
रामेंद्र चतुर्वेदी