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UP Basti: सुर्खियों में महिला अधिकारी से अटेम्प्ट टू रेप कांड, इंसाफ के लिए योगी तक पहुंची गुहार..

चर्चित महिला मजिस्ट्रेट कांड में नया मोड़ आया है, जांच में पता चला है महिला मजिस्ट्रेट ने पड़ोसी नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला के खिलाफ बलात्कार और हत्या की कोशिश का झूठा मुकदमा दर्ज करवाया है। महिला और पुरुष अधिकारियों के बीच उभर कर आया तीसरा किरदार सुर्खियों में है, जो कि महिला मजिस्ट्रेट का मित्र बताया जा रहा है। इन सबके बीच अहम सवाल है आखिर महिला मजिस्ट्रेट ने ऐसा क्यों किया, कही कहानी कुछ और तो नही है।

दरअसल पूरा मामला है उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद का है। जहां महिला मजिस्ट्रेट ने नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। महिला मजिस्ट्रेट का आरोप है कि, दीपवाली वाली रात पड़ोसी नायब तहसीलदार ने सारी हदें पार कर दी। वो जबरन घर में घुस आए। घनश्याम शुक्ला ने जान से मारने की कोशिश की, रेप का भी प्रयास किया।

फिलहाल पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर महिला मजिस्ट्रेट का अदालत में कलम बंद बयान दर्ज करवा दिया है। इस दौरान डीएम बस्ती ने पूरे मामले की गहन जांच भी करवा ली है। जांच में पता चला है दीपावली की रात महिला मजिस्ट्रेट के सरकारी आवास पर बलरामपुर का शुभम श्रीवास्तव नाम का युवक रुका था। महिला मजिस्ट्रेट और आरोपी नायब तहसीलदार ने साथ में बस्ती के एक रेस्टोरेंट में डिनर भी किया था लेकिन आधी रात रिश्तों ने यूं टर्न ले लिया। शुभम श्रीवास्तव नाम के शख्स की एंट्री से महिला मजिस्ट्रेट और नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला में जंग शुरु हो गयी।

फिलहाल बस्ती प्रशासन की जांच में महिला मजिस्ट्रेट और उसके मित्र को लेकर कई राज का खुलासा हुआ है। यह भी पता चला है बलरामपुर का शख्स ने महिला मजिस्ट्रेट के मोबाइल से आरोपी नायब तहसीलदार को कई बार धमकियां भी दे चुका है। अक्सर महिला मजिस्ट्रेट से दूर रहने की हिदायत देता था। बावजूद इसके दीपावली के दिन आरोपी नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला महिला मजिस्ट्रेट को डिनर कराने ले गया फिर उसके बाद जो हुआ उत्तर प्रदेश में तहलका मच गया।

अब महिला मजिस्ट्रेट कांड को लेकर सत्ता और प्रशासन में जंग शुरु है। बस्ती प्रशासन जहां महिला मजिस्ट्रेट की FIR को फर्जी बता रहा है, वहीं भाजपा MLC देवेंद्र प्रताप सिंह खुल कर महिला मजिस्ट्रेट के समर्थन में आ गए है। देवेंद्र प्रताप सिंह ने अल्टीमेटम तक दे डाला है। कहा है जब पीड़ित महिला का अदालत में कलम बंद बयान दर्ज हो गया तो आरोपी नायब तहसीलदार की गिरफ्तारी में विलंब क्यों?

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