लखनऊ। उत्तराखंड के नैनीताल स्थित ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में BCA सेकेंड ईयर की छात्रा वासवी तोमर की संदिग्ध मौत ने रैगिंग की काली सच्चाई को उजागर कर दिया है। लखनऊ के मड़ियांव की रहने वाली वासवी की मां बीनू सिंह का आरोप है कि उनकी बेटी ने हॉस्टल में सीनियर छात्राओं द्वारा जूनियर छात्रा की रैगिंग का विरोध किया था। इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई और यूनिवर्सिटी प्रशासन इसे आत्महत्या बताकर मामले को दबाने में जुटा है।
मंगलवार रात 8 बजे वासवी ने अपनी मां से आखिरी बार बात की। उसने बताया था कि हॉस्टल की कुछ सीनियर छात्राएं उसकी रूममेट की रैगिंग कर रही थीं। वासवी ने उन्हें रोका, तो सीनियर ने उसे धमकी दी और उसके कमरे में घुसकर बहस भी की। यह सब वीडियो में रिकॉर्ड हुआ, जो वासवी ने मां को भेजा था।
बुधवार शाम 5 बजे यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कॉल कर बताया कि वासवी ने हॉस्टल में फंदे से लटककर सुसाइड कर लिया। परिजनों का दावा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाने से मौत की पुष्टि हुई है। परिवार का साफ कहना है कि वासवी ने आत्महत्या नहीं की, बल्कि रैगिंग का विरोध करने पर उसकी हत्या कर दी गई।
मां ने उठाया सवाल कि यदि बेटी ने सुसाइड किया तो सुसाइड नोट अब तक क्यों नहीं दिखाया गया? यूनिवर्सिटी ने हॉस्टल की लड़कियों को परिजनों से बात करने से भी रोका है। परिजन दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।