उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में 19 साल की लड़की से कथित तौर पर गैंगरेप और मौत के मामले में योगी सरकार आज सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करेगी. पिछली बार सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस केस को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि हाथरस का मामला बेहद असाधारण और सकते में डालने वाला है. इसके बाद कोर्ट ने यूपी सरकार से निम्न तीन बिंदुओं पर जवाब देने के लिए कहा था.
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार ने पूछा था कि पीड़ित परिवार और गवाहों को किस तरह की सुरक्षा दी गई है? इसके साथ ही योगी सरकार से पूछा गया था कि क्या पीड़ित परिवार ने अपने लिए वकील नियुक्त कर लिया है. वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस मामले की क्या स्थिति है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह जांच को सही तरीके से चलाने के लिए उचित आदेश जारी करेगा. कोर्ट के आदेश के बाद आज योगी सरकार इस मामले में हलफनामा दाखिल करने जा रही है.
बता दें कि आज इस मामले की सुनवाई नहीं है. इस मामले की सुनवाई अगले हफ्ते निर्धारित की गई है. मामले की गंभीरता को देखते हुए गांव में सुरक्षा व्यवस्था को और चुस्त कर दिया गया है. सुरक्षा को और ज्यादा बढ़ाते हुए उसके घर पर सीसीटीवी कैमरे और मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं.
पिछली सुनवाई के दौरान सीजेआई ने यचिकाकर्ताओं से कहा था कि हर कोई कह रहा है कि घटना झकझोरने वाली है. हम भी यह मानते हैं. तभी आपको सुन रहे हैं, लेकिन आप इलाहाबाद हाईकोर्ट क्यों नहीं गए? क्यों नहीं मामले की सुनवाई पहले हाईकोर्ट करे, जो बहस यहां हो सकती है, वही हाईकोर्ट में भी हो सकती है. क्या ये बेहतर नहीं होगा कि हाईकोर्ट मामले की सुनवाई करे? इसके बाद कोर्ट ने कहा यूपी सरकार से कई सवालों के जवाब मांगे थे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह जांच को सही तरीके से चलाने के लिए उचित आदेश जारी करेगा. कोर्ट के आदेश के बाद आज योगी सरकार इस मामले में हलफनामा दाखिल करने जा रही है.
गत 14 सितंबर को हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र स्थित एक गांव की रहने वाली 19 वर्षीय दलित लड़की से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था. लड़की को रीढ़ की हड्डी में चोट और जीभ कटने की वजह से पहले उसे अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. उसके बाद उसे दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल लाया गया था, जहां मंगलवार तड़के उसकी मौत हो गई थी.