देश में जब लोकप्रियता की बात होती है तो जुबान पर सिर्फ एक ही नाम आता है वो हमारे देश की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का। लेकिन वर्तमान समय में स्थियाँ कुछ विपरीत है या दूसरे शब्दों में कहें तो उनके लोकप्रियता के सितारे इस समय बुलंदियों पर नहीं है। प्रश्न यह उठता है आखिर वो दूसरा चेहरा है कौन जो देश के प्रधानमंत्री को अपने लोकप्रियता व कार्यशैली से पीछे छोड़ता जा रहा है वो दूसरा चेहरा है कांग्रेस पार्टी के सबसे बड़े चहेरे राहुल गाँधी का जो अपनी वर्तमान कार्यशैली की वजह से उनकी लोप्रियता देश के प्रधानमंत्री को भी पीछे छोड़ रहे है।
हम ये दावा इसलिए कर रहे है क्योंकि बीते कुछ दिनों से ट्विटर पर राहुल गाँधी का जलवा चल रहा है। उनके हर ट्वीट को देश बढ़ चढ़कर समर्थन दे रहा है। कई वीडियो तो लाखों में देखे गए। जिनमें हाथरस और पंजाब से जुड़ा वीडियो सबसे ज्यादा टॉप पर है। वहीं नरेंद्र मोदी के ट्वीट अब कम चल रहे है। आपको बता दें कि ट्वीटर पर नरेंद्र मोदी के follower राहुल गाँधी से 4 गुना ज्यादा है। नरेंद्र मोदी के ट्वीटर अकाउंट पर 62 मिलियन फॉलोवर्स है तो वही राहुल गाँधी के 16 मिलियन फॉलोवर्स है।
राहुल कि बढ़ती लोकप्रियता का कारण वर्तमान परिवेश में समाज में जिस तरीके से बेटियों के साथ बलात्कार, गरीबों और किसानों के साथ अन्याय की आवाज को राहुल गांधी मुखर होकर उठा रहे हैं। इन मुद्दों से राहुल गांधी की छवि पहले की अपेक्षा अत्यंत प्रभावशाली दिख रही है । ट्विटर पर प्राप्त आंकड़ों में जिस तरीके से राहुल गांधी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को पीछे छोड़ते हुए आगे बढ़ रहे हैं ऐसा लग रहा है कि देश की जनता राहुल गांधी की इस कार्यशैली को से अत्यंत ही प्रभावित है और राहुल गांधी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपेक्षा ज्यादा पसंद कर रही है।
नीचे दिया गया नरेंद्र मोदी जी का ट्वीट यह बयां कर रहा है कि किस तरह से उनकी लोकप्रियता जनता में राहुल गाँधी की अपेक्षा कम होती दिख रही हैं
वही विपक्षी राहुल गाँधी का ट्वीट जनता उनके अपेक्षा ज़ादा पसंद कर रही है ।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने कहा कि कोरोना काल में भाजपा सरकार ने एक से एक ख़याली पुलाव पकाए. उन्होंने ’21 दिन में कोरोना को हराने’, आरोग्य सेतु ऐप, 20 लाख करोड़ का पैकेज का जिक्र किया है.
राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा है, ”कोरोना काल में भाजपा सरकार ने एक से एक ख़याली पुलाव पकाए: 21 दिन में कोरोना को हरायेंगे, आरोग्य सेतु ऐप सुरक्षा करेगा, 20 लाख करोड़ का पैकेज, आत्मनिर्भर बनो, सीमा में कोई नहीं घुसा, स्थिति संभली हुई है. लेकिन एक सच भी था: आपदा में ‘अवसर’ #PMCares’.
इससे पहले राहुल गांधी ने लॉकडाउन के दौरान मजदूरों की मौत से जुड़ा आंकड़ा सरकार के पास नहीं होने को लेकर मंगलवार को कटाक्ष करते हुए कहा था कि श्रमिकों की मौत होना सभी ने देखा, लेकिन सरकार को इसकी खबर नहीं हुई. उन्होंने ट्वीट किया था, ‘मोदी सरकार नहीं जानती कि लॉकडाउन में कितने प्रवासी मज़दूर मरे और कितनी नौकरियां गयीं.’ उन्होंने शायराना अंदाज में तंज किया, ‘‘तुमने ना गिना तो क्या मौत ना हुई? हां मगर दुख है सरकार पे असर ना हुआ, उनका मरना देखा ज़माने ने, एक मोदी सरकार है जिसे ख़बर ना हुई.’
गौरतलब है कि लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान मारे गए मजदूरों के संदर्भ में आंकड़ा सरकार के पास उपलब्ध नहीं है. संगीता कुमारी सिंह देव, भोला सिंह, कलानिधि वीरस्वामी तथा कुछ अन्य सदस्यों ने सवाल किया था कि क्या लॉकडाउन के दौरान हजारों मजदूरों की मौत हो गई और अगर ऐसा है तो उसका विवरण दें.