रिपोर्ट- मो० तौफीक
वैश्विक महामारी कोरोना के चलते मार्च महीने से विद्यालय पूरी तरह से बंद कर दिए गए थे जिसके चलते बच्चों के पठन-पाठन में बड़ी समस्या उत्पन्न हो रही थी सिर्फ कहने भर के लिए ऑनलाइन कक्षाएं संचालित थी वास्तव में इन कक्षाओं का कोई मतलब नहीं था क्योंकि इंटरनेट की व्यवस्था सुचारू रूप से नहीं चलती थी जिसके चलते ऑनलाइन पढ़ाई बच्चों की नहीं हो पाती थी हालांकि अभी भी कोरोनावायरस से फैली महामारी का कहर खत्म नहीं हुआ है लेकिन इसके बावजूद उत्तर प्रदेश सरकार के नवीन गाइडलाइन के अनुसार 19 अक्टूबर से प्रदेश के सभी कक्षा 9 से लेकर 12 तक की कक्षाएं संचालित करने का आदेश जारी किया जा चुका है।
जिसमें तमाम तरह के नियम निर्देशों के तहत विद्यालयों को संचालित किया जाना है जिसमें प्रमुख रुप से छात्र छात्राओं के अभिभावकों से विद्यालय भेजने के लिए सहमत पत्र तथा सोशल डिस्टेंसिंग के तहत छात्र छात्राओं को बैठने की व्यवस्था विद्यालय को सेनीटाइज करना साफ सुथरा रखना तथा विद्यालय में असेंबली का आयोजित ना किए जाना इत्यादि शामिल है इन सभी को लेकर जब हमारे संवाददाता विद्यालय पहुंचे और वहां के प्रिंसिपल से बातचीत किया तो पता लगा की विद्यालय खोलने को लेकर छात्र छात्रा ही नहीं बल्कि अभिभावक भी अपनी खासी रूचि ले रहे हैं।
उन्होंने विद्यालय प्रबंधन को अपनी तरफ से सहमति पत्र प्रदान कर दिया है जिससे उनके बच्चे विद्यालय पहुंचकर पठन-पाठन शुरू कर सकें विद्यालयों को दो शिफ्ट में संचालित किया जाएगा एक सिर्फ में कक्षा 9 और 10 तथा दूसरे सेट में एक 11 और 12 की कक्षाएं संचालित की जाएगी। विद्यालय को खोलने के लिए विद्यालय द्वारा सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई है। पिछले 7 महीनों से बाधित बच्चों की पढ़ाई अब शुरू होने वाली है। कोविड-19 से बचाव में कितना कारगर यह स्कूल सिद्ध हो पाएंगे यह तो आने वाला वक्त ही तय करेगा।