बिहार के मुजफ्फरपुर में आपसी विवाद के बाद दंपति ने 12 साल के बेटे को साथ लेकर खुदकुशी करने घर से निकले लेकिन टॉस के बहाने बेटे को दी जिंदगी। और खुद के लिए चुन ली मौत। मां-बाप ने बेटे को यह कहकर कि ‘तुम अभी जीओ’ ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जाने दे दी। मां-बाप को अपनी आंखों के सामने मरते देखने का खौफ मासूम बेटे के चेहरे पर भी साफ दिख रहा था। घटना सकरा थाना क्षेत्र के चंदनपट्टी गांव में मंगलवार की है।
मंगलवार को दोपहर अचानक मिश्रौलिया गांव स्थित 76 बी रेलवे गुमटी के पास अफरातफरी मच गई। सकरा के चंदनपटटी गांव के दीपक कुमार साह 36 वर्ष और इनकी पत्नी 32 वर्षीय रिंकू देवी ने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी थी। घटना के ठीक बाद बड़ी संख्या में आसपास के लोग जमा हो गए। लोगों ने तत्काल इसकी सूचना पुलिस का दी। पुलिस शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए एसकेएमसीएच भेज दिया।
इस संबंध में सकरा पुलिस ने बताया कि आत्महत्या का मामला है। परिवार के सदस्यों से पूछताछ में भी पता चला है कि दोनों के बीच लगातार लड़ाई होती रहती थी। इसी से तंग आकर दोनों ने आत्महत्या की है। सकरा के प्रभारी रामनाथ प्रसाद ने कहा कि परिवार की ओर से किसी ने शिकायत दर्ज नहीं कराई है। पुलिस अपने स्तर से मामले की छानबीन कर रही है। पुलिस ने बच्चे के हवाले से भी आत्महत्या की बात कही है।
थाना प्रभारी ने कहा कि बच्चे ने पूरे घटना की जानकारी दी है। उस आधार पर भी पुलिस मामले की जांच कर रही है। इस संबंध में दीपक के बड़े भाई ने कहा कि दीपक लंबे समय से मुंबई में पान की दुकान चलाता था। लॉक डाउन के दौरान वह मुंबई से गांव आ गया था। उसके बाद वह फिर मुंबई नहीं गया। पति-पत्नी के बीच लगातार लड़ाई होते रहती थी। परिवार के लोग इसे शांत कराने की कोशिश करते थे मगर स्थिति बिगड़ती ही जा रही थी। घटना के बाद मृतका की मायके वाले भी गांव पहुंच गए थे। लड़की की मां ने परिवार के अन्य सदस्यों पर भी उसे प्रताड़ित करने और उसके पति को अपने प्रभाव में रखने का आरोप लगाया।
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बच्चे ने सुनाई आंखों देखी तो सबकी नम हो गई आंखे
दीपक और रिंकू के इकलौते पुत्र के चेहरे पर डर साफ दिख रहा था। लोगों को बच्चे ने जब घटना के बारे में बताया तो सबकी आंखें नम हो गई। बच्चे ने कहा, दोपहर में जब घर आया तो मम्मी-पापा आपस में लड़ रहे थे। मारपीट भी की। मैं डर से बाहर जाकर होम वर्क करने लगा। बाद में दोनों निकले और कहा, चलो तुम जीकर क्या करोगे। मैं भी साथ चल दिया। पटरी के पास पहुंचे तो कई बार आपस में बात की। इसे जीने दो। फिर कहा, जिंदा रहकर क्या करेगा। साथ ही मर जाएगा तो ठीक है। फिर कहा, टॉस कर लो। टॉस के बाद मां ने कहा, बच गया। फिर पापा ने तीस रुपये दिए और कहा, बेटा जाओ तुम जीओ अभी। उधर से ट्रेन आ रही थी। पहले पापा और फिर मम्मी ट्रेन के आगे कूद गई। मैं डर से रोते हुए घर आ गया।