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आखिर क्या है लव जिहाद का मतलब ..?

अबतक आप कभी कभार देश में लव जिहाद के किस्से सुनते आए होंगे। लेकिन जब से योगी सरकार ने लव जेहाद को मान्यता प्रदान की है, तब से ये शब्द चारों तरफ चर्चा और बहस का विषय बना हुआ है, इसलिए अब हम बात करेंगे इस लव जिहाद के बारे में। कानूनी तौर से सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला सही है और जैसा की हमारे संविंधान में कानूनी तौर से हर धर्म के लड़की और लड़के को स्वतंत्रता का अधिकार (फ्रीडम ऑफ़ राइट) है अपने ज़िन्दगी की सही साथी को चुनने का है जिससे वो अपनी ज़िन्दगी को सही दिशा दिखा सकते है।
लव जिहाद का ये जिन्न केरल में एक हिंदू लड़की और एक मुस्लिम लड़के के प्रेम विवाह से पैदा हुआ है, जिसकी जांच देश में आतंकवादी घटनाओं की पड़ताल करने वाली नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी यानी एनआईए को सौंपी गई है।

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क्या था केरल लव जिहाद का मामला :
केरल लव जिहाद मामला सुप्रीम कोर्ट में लटका हुआ था। पीड़िता अखिला हादिया जो एक हिन्दू धर्म की थी और उसका नाम अखिला अशोकन ने शफीन जहां नाम के शख्स से शादी की है, लेकिन हादिया के माता-पिता इस शादी को गैर-कानूनी मानते थे। उनका मानना था कि हादिया, शफीन के चंगुल में फंसी हुई है, जिसे बाहर निकालने के लिए कोर्ट और सरकार की मदद ली जा रही थी । दरअसल, केरल हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली इस याचिका पर शीर्ष अदालत में अगली सुनवाई जनवरी के तीसरे हफ्ते में होनी थी। केरल हाईकोर्ट ने हादिया की शादी को लव जिहाद करार देते हुए इसे निरस्त कर दिया था जिसे उसने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

आखिर होता क्या है ये लव जिहाद :

लव जिहाद दो शब्दों से मिलकर बना है। अंग्रेजी या हिंदी भाषा का शब्द लव यानी प्यार, मोहब्बत, इश्क और अरबी भाषा का शब्द जिहाद। जिसका मतलब होता है किसी मकसद को पूरा करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देना। यानी जब एक धर्म विशेष को मानने वाले दूसरे धर्म की लड़कियों को अपने प्यार के जाल में फंसाकर उस लड़की का धर्म परिवर्तन करवा देते हैं तो इस पूरी प्रक्रिया को लव जिहाद कहा जाता है।

पढ़ें पूरा मामला :
अब अगर आप लव जेहाद का मतलब समझ गए हैं तो आपको ये भी बता दें कि अबतक लव जेहाद शब्द को कानूनी मान्यता प्राप्त नहीं थी। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने मान लिया है कि लव जिहाद होता है और मुस्लिम युवक हिंदू लड़कियों को अपने प्यार के जाल में फंसाकर उनका धर्म परिवर्तन करवाकर लव जेहाद करते हैं। इसकी शुरुआत तब हुई जब केरल हाईकोर्ट ने 25 मई 2017 को हिंदू महिला अखिला अशोकन की शादी को रद्द कर दिया था। अखिला अशोकन ने दिसंबर 2016 में मुस्लिम शख्स शफीन से निकाह किया था।

आरोप है कि निकाह से पहले अखिला ने धर्म परिवर्तन करके अपना नाम हादिया रख लिया। जिसके खिलाफ अखिला उर्फ हादिया के माता-पिता केरल हाईकोर्ट पहुंचे। जिन्होंने आरोप लगाया कि उनकी बेटी को आतंकवादी संगठन आईएसआईएस में फिदायीन बनाने के लिए लव जेहाद का सहारा लिया गया। जिसके बाद केरल हाईकोर्ट ने अखिला उर्फ हादिया और शफीन के निकाह को रद्द कर दिया। लेकिन अखिला उर्फ हादिया के पति शफीन ने केरल हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।इसी मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले की एनआईए जांच के आदेश दिए।

आतंकवादी घटनाओं की जांच करने वाली एजेंसी को अखिला उर्फ हादिया और शफीन के प्रेम विवाह में लव जेहाद और टेरर कनेक्शन का जिम्मा सौंपते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जो टिप्पणी की, वो भी गौर करने लायक है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘जिस तरह इंटरनेट गेम ब्लू व्हेल में किसी लड़के या लड़की को टास्क दिए जाते हैं और जिसमें उसे आखिर में सुसाइड करना होता है, उसी तरह आजकल किसी को भी खास मकसद के लिए राजी करना आसान हो गया है’। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एनआईए की जांच रिपोर्ट और केरल पुलिस से मिली जानकारी पर गौर करने और पीड़ित महिला से बात करने के बाद ही कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। लेकिन लव जेहाद के इस मामले में ट्विस्ट तब आया, जब कथित लव जेहाद की शिकार लड़की सामने आई।