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मायावती के बाद कौन संभालेगा बसपा की विरासत, सामने आए ये दो चेहरे

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त झेलने के बाद बहुजन समाज पार्टी ने अब 2024 में होने वाले आम चुनाव पर अपनी नजरें टिका दी हैं। विधानसभा चुनाव में 403 सीटों में से केवल एक सीट पर जीत हासिल करने वाली बसपा की मुखिया मायावती अब बदली हुई रणनीति के तहत उन चेहरों को आगे कर रही हैं जो भविष्य में बीएसपी के सर्वे सर्वा होंगे या यूं कह लीजीए कि बसपा की पूरी सियासत इन्हीं चेहरों के इर्द गिर्द घूमने वाली है। जी हां हम बात कर रहे हैं कि मायावती के भाई आनंद कुमार और उनके भतीजे आकाश आनंद की जिन्होंने अब पार्टी की अहम बैठकों की कमान अपने हाथों में लेनी शुरू कर दी है।

हालांकि आनंद और आकाश क्रमश:

बसपा के उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय समन्वयक हैं, लेकिन पूर्व में वे केवल मायावती द्वारा बुलाई गई पार्टी की बैठकों में ही भाग लेते थे। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि बसपा प्रमुख लखनऊ में डेरा डाले हुए हैं, पिता-पुत्र की जोड़ी ने नई दिल्ली में बैठकें बुलानी शुरू कर दी हैं। हालांकि बैठकों के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि दोनों यूपी सहित विभिन्न राज्यों के पार्टी कार्यकर्ताओं से “कुछ महत्वपूर्ण इनपुट” जुटा रहे हैं। मायावती ने उन अटकलों को खारिज कर दिया कि वह जल्द ही अपने उत्तराधिकारी की घोषणा करेंगी।

पार्टी को नए सिरे से खड़ा करना दोनों के लिए अग्नि परीक्षा
बसपा नेता आनंद या उनके बेटे आकाश को माया के सिंहासन का उत्तराधिकारी माना जा रहा है। मायावती ने भी चुनाव के दौरान अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा था कि बसपा का अगला उत्तराधिकारी कोई दलित ही होगा। बसपा सूत्रों ने कहा कि बसपा सुप्रीमो ने हालांकि अपने भाई और भतीजे को मीडिया की चकाचौंध से दूर रहने को कहा है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों को लगता है कि यह आनंद और आकाश के लिए एक अग्निपरीक्षा साबित हो सकता है, जिनके बारे में माना जाता है कि उन्हें पार्टी की नींव को ठीक करने का काम सौंपा गया, जो यूपी विधानसभा चुनावों के बाद बुरी तरह से खराब हो गई थी।

चुनाव में बसपा का अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन
चुनाव के दौरान बसपा अपनी झोली में सिर्फ एक सीट डालने में कामयाब रही थी। बसपा ने अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन किया और उसका वोट शेयर 2017 में 22% से घटकर इस बार 13% से कम हो गया। मायावती यूपी की चार बार सीएम रह चुकी हैं और यूपी में उन्हें मुख्य राजनीतिक खिलाड़ी माना जाता था। 2024 के लोकसभा चुनावों में बसपा की राजनीतिक स्थिति का और मूल्यांकन किया जाएगा कि वह कैसा प्रदर्शन कर पाती है। इससे पहले, बसपा गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ सहित 10 राज्यों में अपनी किस्मत आजमा सकती है।

लंदन से एमबीए कर चुके आकाश 2019 में मायावती के साथ दिखे
लंदन से एमबीए करके लौटे आकाश आनंद को (27) को पहली बार मायावती के साथ उस समय देखा गया था, जब वह 2017 में दलितों और ठाकुरों के बीच हुई जातीय संघर्ष के बाद सहारनपुर गई थीं। बाद में वह मायावती के साथ पार्टी की विभिन्न बैठकों में जाने लगे। बाद में उन्हें और उनके पिता को मायावती ने उस साल के अंत में मेरठ में एक रैली के दौरान बसपा कार्यकर्ताओं से मिलवाया था। आकाश 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान तब सामने आए थे जब बसपा ने अखिलेश यादव के नेतृत्व वाले सपा साथ गठबंधन किया था।