Breaking News

देवरिया में गैंगेस्‍टर तार बाबू यादव के मकान के बाद और पांच करोड़ की सम्पत्ति कुर्क..

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के शातिर तस्कर और गैंगेस्टर तार बाबू यादव की संपत्ति पुलिस ने एक बार फिर कुर्क किया। जिलाधिकारी अमित किशोर के आदेश पर पुलिस ने यह कार्रवाई की। इस दौरान एएसपी शिष्यपाल पुलिस फोर्स के साथ बनकटा के रूस्तमपुर बहियारी गांव में मुस्तैद रहे। एएसपी ने बताया कि तस्करी करके तारबाबू यादव ने करीब छह करोड़ की संपत्ति बनाई है जिसे जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर पुलिस ने कुर्क किया है।

बनकटा थाना क्षेत्र के रूस्तम बहियारी गांव के रहने वाले तारबाबू यादव पुत्र रमाशंकर यादव भाटपारानी और बिहार के सिवान जिले का टॉप मोस्ट तस्कर है। कुछ वर्ष पूर्व तारबाबू यादव ने भाटपाररानी के थानेदार पर भी फायरिंग की थी। इस घटना के बाद भी वह फरार हो गया था। उसके खिलाफ शराब तस्करी, पशु तस्करी, अवैध शस्त्र, हत्या, लूट जैसे गम्भीर अपराध के कुल 34 मुकदमे दर्ज हैं।10 जुलाई 2020 में पशु तस्करी का मुकदमा दर्ज होने के बाद वह फरार हो गया था जिसके बाद उस पर 25 हजार का इनाम भी घोषित हुआ था। इसके बाद 26 अगस्त को न्यायालय में उसने आत्म समर्पण कर दिया था। उसके बाद से ही वह जिला कारागार देवरिया में बंद है। पुलिस के अनुसार गिरोह बनाकर वह तस्करी समेत कई अपराधों में लिप्त रहा है। पिछले 12 वर्षो में उसने अपनी दहशत से करोड़ों की संपत्ति बनाई है। पुलिस ने 30 अगस्त को एक करोड़ की सम्पति को जप्त किया था। एसपी ने पिछले दिनों तार बाबू के अन्य संपतियों के बारे में जानकारी कर उसे भी कुर्क करने के लिए डीएम को पत्र भेजा था। डीएम ने सोमवार को पांच करोड़ की सम्पत्ति को जप्त करने का आदेश दिया। एएसपी शिष्यपाल के नेतृत्व पुलिस और प्रशासन के अधिकारी तस्कर के गांव पहुंचे और उसकी पांच करोड़ की सम्पति को जप्त कर लिया।

गिरोह बंद अधिनियम के तहत हुई कुर्की

गिरफ्तारी के बाद पुलिस और जिला प्रशासन ने तारबाबू की पूरी कुण्डली खंगाली। उसके द्वारा अर्जित की गई भूमि और भवन का रिकार्ड एकत्र करने के बाद गिरोह बन्द अधिनियम की धारा 14(1) के अन्तर्गत जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति से कुर्की की कार्रवाई की गई। इस संपत्ति को कस्टोडियन तहसीलदार भाटपाररानी को बनाया गया है। तस्कर तार बाबू यादव ने अपराध से काफी सम्पत्ति अर्जित किया था। बदमाश की नामी और बेनामी संपत्ति को कुर्क किया गया है। जिसकी कीमत लगभग पांच करोड़ रुपये है। जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर पुलिस ने यह कार्रवाई की है।
डॉ.श्रीपति मिश्र, एसपी देवरिया