यूपी का सोनभद्र जिला एक बार फिर सुर्खियों में है। सैकड़ों बीघा धान की फसल तहस नहस किए जाने से नाराज किसानों ने डीएम कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन भी किया। विवाद धंधरौल बंधे के आसपास सिंचाई विभाग की जमीन से जुड़ा है। आरोप है कि प्रशासन ने सैकड़ों बीघा खड़ी धान की फसल को जेसीबी ट्रैक्टर लगाकर तहस नहस करवा दिया। कार्यवाही की जद में करीब 33 गॉंवों के हजारों किसान आए है। वहीं नाराजगी को देखते हुए सत्ता पक्ष से जुडे जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन की कार्यवाही में सीधा हस्तक्षेप किया है भाजपा के सदर विधायक भूपेश चौबे खुलकर किसानों के समर्थन में सामने आए है। मौके पर तत्काल राज्य सभा सांसद राम सकल, सदर विधायक भूपेश चौबे, घोरावल विधायक अनिल मौर्या, जिला पंचायत अध्यक्ष अमरेश पटेल, जिलाध्यक्ष अजित चौबे सभी एक साथ जिलाधिकारी कार्यालय पहुँचे। जिलाधिकारी से वार्ता करने पर निर्णय हुआ की सभी का पट्टा निरस्त कर दिया गया। जिसने फसल लगायी है वह काट ले और किसानो को नया पट्टा दिया जायेगा।
सोनभद्र और मिर्जापुर जनपद को सिंचित करने वाले धंधरौल बांध के निर्माण में लगभग 33 गांवो की भूमि डूब में गयी है। इस भूमि पर सिंचाई विभाग समय समय पर पट्टा आवंटित करता है। जिसे सिंचाई विभाग अब अवैध कब्जा यानी अतिक्रमण बताकर जिला प्रशासन की मदद स अतिक्रमण हटवाना शुरू किया तो किसानो ने इसका विरोध कर दिया। किसानो ने जिलाधिकारी से मिलकर खड़ी धान की फसल को बर्बाद करने तथा अतिक्रमण के नाम पर किसानों को परेशान किये जाने की बात कही। वही किसानो का मामला राजनीतिक रूप न लेने पाए इसको लेकर जनप्रीतिनिधियो ने भी इस समस्या का समाधान निकालने की बात जिलाधिकारी से उठायी है। सिंचाई विभाग की इस कार्रवाई से परेशान किसानो के कहना है कि पिछले बीस सालों से फर्जी नाम से दर्जनों पट्टे बांध मे दे दिया । जिसकी जाँच होनी चाहिये। सिंचाई विभाग एक व्यक्ति को 1हेक्टेयर/4 बिगहा जमींन पट्टे पर 4 सालों के लिए देती है।
जिलाधिकारी से वार्ता के बाद सदर विधायक ने बताया कि धंधरौल बांध के निर्माण में किसान भाइयों की जमीन गयी थी। बांध की जमीन से किसी को बेदखल नही किया जा रहा है। बांध की जमीन पर गरीब आदिवासी , अनुसूचित जाति , दिव्यांग लोगो को कृषि पट्टा दिया गया था। वही कुछ लोग बांध की जमीन कब्जा किये थे जिसे हटाया गया है। जो किसान पट्टा के माध्यम से खेती कर रहे थे वह अपनी धान की फसल काटेंगे और जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नही की जाएगी , इसके बाद आगे बैठक करके निर्णय लिया जाएगा। अगर सिंचाई विभाग बांध की जमीन पर गलत पट्टा आवंटन किया है तो इसकी जांच करा के दोषी अधिकारियो को दण्डित कराया जाएगा। सिंचाई विभाग द्वारा पूर्व की सरकारों में अनियमितता बरती गई है जिसकी जांच योगी सरकार में कराई जा रही है।
वही जिलाधिकारी ने बताया की सिंचाई विभाग धंधरौल बांध की जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले और बड़े काश्तकारों व बाहर के जनपद के लोगो द्वारा अतिक्रमण होने की रिपोर्ट दिया था। जिस पर प्रथम चरण में कुछ कब्जा हटाया गया है।सिंचाई विभाग ने जिला प्रशासन से फोर्स की मांग किया था तो प्रशासन और पुलिस बल मौजूद था। अगर बांध की जमीन पर सिंचाई विभाग द्वारा पट्टा आवंटन में कोई अनियमितता की गई है तो जांच करवा के कार्रवाई की जाएगी। सिंचाई विभाग से अभिलेख मांग गया था और एसडीएम को जांच के लिए बोला गया है जिसकी रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कार्रवाई होगी।