मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन न होने के बाद समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच तलवारें खिंच गईं. कहा जाने लगा कि INDIA गठबंधन में दरार आ गई. इसी बीच कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ ने इस लड़ाई को और हवा दे दी. उन्होंने लोगों से कहा कि छोड़िए अखिलेश-वखिलेश को. वहीं सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपने साथ धोखा करार दिया. अब कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने संकेत ही संकेत में कमलनाथ को मैसेज दे दिया है. उनका कहना है कि अखिलेश को लेकर कमलनाथ को ऐसी बात नहीं करनी चाहिए थी.
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के लोग हमारे पास आए थे. वह कांग्रेस से 6 सीटें चाहते थे. 1 सीट वो जीतकर आए थे, 2 पर अच्छे वोट लेकर सपा आई थी. कांग्रेस उन्हें चार सीटें देने के लिए तैयार हो गई थी और इसको लेकर केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत भी हो गई थी. उन्होंने इस समझौते को लेकर राज्य पर छोड़ दिया था. अखिलेश यादव शरीफ और अच्छा लड़का है. ये चर्चा कहां बिगड़ गई, पता नहीं चला. दिग्विजय सिंह ने दावा किया है कि अखिलेश यादव बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे. कांग्रेस नेता का ये बयान पीसीसी चीफ कमलनाथ से मिलने के बाद सामने आया है.
वहीं, उन्होंने प्रदेश और देशवासियों को दुर्गा नवमी की हार्दिक शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि सत्य की जय हो, असत्य का नाश हो, प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो… यही सनातन धर्म है, जिसे बीजेपी नहीं कहती है. दिग्विजय सिंह ने बताया कि जब वह 38 साल के थे तो उस समय वह बड़े नेता राजीव सिंह के साथ कैबिनेट में थे. उनके साथ 38 साल का दिग्विजय सिंह काम करता था. कार्यालय टीन शेड के नीचे हुआ करता था, तब से लेकर अभी तक वह उम्मीदवार चयन कमेटी में भी रहे हैं.
‘कांग्रेस ने इस बारत पारदर्शी तरीके से किया उम्मीदवारों का चयन’
दिग्विजय सिंह ने कहा कि सबसे खराब काम उम्मीदवार का चयन होता है. अभी हर उम्मीदवारी बताता है 25 हजार वोट से कम पर नहीं जीतेगा. 4 हजार लोग थे, उनमें 230 कैसे चुने इसके लिए कोई परीक्षा नहीं हुई है. केवल संभावनाएं देखी जाती हैं कि वह जनता के बीच कितना रहा है, संगठन के लिए कितना काम किया है. इस बार बहुत पारदर्शी तरीके से चयन हुआ है. उन्हें 66 सीटों की जिम्मेदारी दी थी, जो हम लगातार हार रहे हैं.
उन्होंने कहा कि 2018 में उनकी इतनी तैयारी नहीं थी, जितनी आज है. AICC प्रदेश स्क्रीनिंग कमेटी ने जिला के प्रभारी से मुलाकात की है, कभी ऐसा इतिहास में नहीं हुआ. हर असेंबली सेगमेंट में हम लोग पहुंचे और सबसे राय मशवरा लिया गया. इसके बाद टिकट दिए गए. कमलनाथ ने 4 अलग-अलग एजेंसी से सर्वे कराया है. सितंबर 23 में सबसे आखरी सर्वे हुआ. दिग्विजय सिंह ने सभी से हाथ जोड़कर निवेदन किया है कि सभी उम्मीदवार धैर्य और भरोसा रखें.
कोई भी वर्ग बीजेपी से खुश नहीं- दिग्विजय
दिग्विजय सिंह ने सिद्धार्थ तिवारी के बीजेपी शामिल होने पर कहा कि जब भी वह रीवा जाते थे सिद्धार्थ तिवारी के यहां भोजन करते थे. श्रीनिवास तिवारी और सुंदरलाल तिवारी बीजेपी से लड़ते-लड़ते चले गए. बीजेपी ने श्रीनिवास तिवारी और सुंदरलाल तिवारी को लेकर क्या-क्या नहीं कहा, उन्हें सिद्धार्थ से यह उम्मीद नहीं थी. वह ये कह सकते हैं कि सिद्धार्थ बीजेपी ज्वॉइन करने के बाद पछताएंगे. टिकट तो उनको दे दिया गया है, लेकिन जीतना जरूरी नहीं है. कांग्रेस नेता का दावा है कि कोई भी वर्ग बीजेपी से खुश नहीं है. RSS भी इनसे खुश नहीं है.